झारखण्ड /गुमला-लोकसभा 2024 चुनाव का आगाज हो गया है और लोहरदगा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस एक बार फिर प्रत्याशी सुखदेव भगत को चुनावी मैदान में जहां अपनी किस्मत आजमाने का मौका दी है और यह कहा जा सकता है कि लोगों के बीच चर्चित चेहरा सामने आया है और यह भी कि लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत के लिए यह चुनाव अग्निपरीक्षा की तरह होगी क्योंकि कांग्रेस झामुमो गठबंधन से लोहरदगा प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है और जल्द ही लोकप्रिय कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत अपने नामांकन दाखिल करने की तैयारियां शुरू कर पूरे दमखम से नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंचगें वहीं दूसरी तरफ देखे तो भाजपा ने इस बार 2024 में फेर-बदल करते हुए सिटिंग सांसद सुदर्शन भगत की जगह नया चेहरा समीर उरांव को चुनावी मैदान में उतारा है और चौथी बार लोहरदगा सीट जीतने के लिए समीर उरांव को चुनावी मैदान में मोदी की गारंटी बनाकर जनता की अदालत में पेश करते हुए अपना तुरूप का पत्ता खेल दी है यहां बताते चलें कि हालांकि भाजपा और कांग्रेस दोनों राजनीतिक दलों से इस लोकसभा चुनाव 2024 में टिकट लेने की होड़ लगी हुई थी लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं और देश में भाजपा बनाम कांग्रेस खासकर लोकसभा चुनाव में दोनों राजनीतिक दलों पर मतदाताओं की नजर होती है और उनके गठबन्धन की राजनीति दलों को लेकर भी आम आदमी मंत्रणा करते हुए मतदान में अपना बहुमूल्य वोट डालेंगे।
यहां बताते चलें कि सिर्फ कांग्रेस में ही टिकटार्थी की लंबी कतार नहीं थी बल्कि भाजपा में भी यही स्थिति थी। यहां बताते चलें कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने चुनाव तिथि की घोषणा से पहले ही देश की जनता को मोदी की गारंटी देकर इस लोकसभा चुनाव का शंखनाद कर चुके हैं और वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो झारखण्ड में गठबंधन से लोहरदगा सीट पर दावेदारी पेश करते हुए सुखदेव भगत लोहरदगा सीट पर दूसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं पूर्व में कांग्रेस से ही सुखदेव भगत चुनावी मैदान में काफी ताकतवर नेता और लोकप्रिय नेता के बाद भी पराजय का मुंह देखना पड़ा था।
यहां बताते चलें कि सुखदेव भगत भी कांग्रेस के सच्चे सिपाहियों में जाने जाते हैं हालांकि एक बार इन्होंने भी भाजपा का दामन थाम कर पलटी मारी थी और लोहरदगा विधानसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर चुनाव लडने के साथ ही कांग्रेस पार्टी से हार का सामना कर चुके हैं और फिर बहुत कम समय तक भाजपा में रहकर पुनः कांग्रेस में घर-वापसी कर कांग्रेस के कद्दावर नेता सह पूर्व झारखण्ड प्रदेश अध्यक्ष रह कर कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने में सफल रहे हैं इसलिए कांफ्रेंस द्वारा इस लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस हाईकमान से टिकट लेने में सुखदेव भगत कामयाबी हासिल कर ली है।
वहीं कांग्रेस झामुमो गठबंधन से लोहरदगा सीट पर दावेदारी पेश करते हुए इस इलाके के तेजतर्रार विधायक चमरा लिंडा ने भी लोकसभा चुनाव 2024 में आश लगाए हुए थे कि झामुमो को गठबंधन से लोहरदगा सीट जीतने का मौका मिलेगा और यह सीट गठबंधन से झामुमो को मिलेगी ऐसा कुछ नहीं हुआ और काफी गठबंधन में प्रत्याशी को लेकर लंबे समय तक राय-मशविरा किया गया और लोहरदगा सीट जो कांग्रेसी गढ़ कहा जाता है कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत चुनावी मैदान में होगा यह गठबन्धन कांग्रेस झामुमो पार्टी में हुआ है यह कहा जा रहा है कि झामुमो विधायक चमरा लिंडा जिन्होंने अपनी बात रखी थी और उसे नजरंदाज कर दी गई है यह बात झामुमो के तेजतर्रार और लोकप्रिय विधायक चमरा लिंडा जिनका अपना वोटबैंक और कार्यकर्ताओं की फौज है यदि इस लोकसभा चुनाव 2024 में चुनावी मैदान में उतरने का फैसला लेते हैं तो कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत के लिए यह चुनाव अग्निपरीक्षा होगी और जो जिता वहीं सिकंदर वाली स्थिति बनती हुई नजर आ रही है। यहां बताते चलें कि कांग्रेस से टिकट की दौड़ में पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव सहित कांग्रेस जिलाध्यक्ष चैतू उरांव तो वहीं भाजपा से समीर उरांव के आलावा आशा लकड़ा,अरूण उरांव के नामों की चर्चा थी। हालांकि दोनों बड़े राजनीतिक दलों भाजपा कांग्रेस के प्रत्याशियों को लेकर दोनों ही राजनीतिक दलों के वैसे टिकटार्थी कुछ भी बयानबाजी करने से बाज आ रहे हैं लेकिन अंदर-ही-अंदर दोनों ही राजनीतिक दलों में अभी तक वैसा उत्साह जो प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही एक उत्साह का माहौल बनता था ऐसा कुछ भी नजर नहीं आना दोनों प्रत्याशियों की निंद उड़ा दी है और वे अपने-अपने खेमे में पनपते नाराजगी को दूर करने में लगे हुए हैं।