भाषाओं की जननी संस्कृत की नही होती पढ़ाई, छात्रों ने कहा बीन पढ़ाए थमा दिया जाता है प्रश्न पत्र, पढ़ाने के वक्त शिक्षक गप्पे लड़ाने व मोबाईल में रहते हैं मसगुल

0
121

भाषाओं की जननी संस्कृत की नही होती पढ़ाई, छात्रों ने कहा बीन पढ़ाए थमा दिया जाता है प्रश्न पत्र, पढ़ाने के वक्त शिक्षक गप्पे लड़ाने व मोबाईल में रहते हैं मसगुल

कुंदा(चतरा)। 6 से 14 वर्ष आयु के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने को लेकर सरकार शिक्षा व्यवस्था पर लाखों खर्च कर रही है। लेकिन गुणवत्ता युक्त शिक्षा नहीं मिलने से बच्चे परेशान हैं। कुंदा प्रखंड मुख्यालय स्थित स्तरोन्नत उच्च विद्यालय की छात्राओं का आरोप है की संस्कृत की एक दिन भी पढ़ाई नहीं हुवी और प्रश्न पत्र थमा दिया जाता है। ऐसे में संस्कृत की परीक्षा कैसे दिया जाय। साथ ही छात्रों का आरोप है कि शिक्षक क्लास में पढ़ाने के बजाय सिर्फ अपनी उपस्थिति दर्ज कर आपस मे गप्पे लड़ाने व मोबाईल चलाने में मसगुल रहते हैं। वही एक छात्र ने नाम नही छापने के शर्त पर बताया कि रसोईया द्वारा महज मामूली मदद गैस चालू करने की मांग पर शिक्षक द्वारा बेतुका शब्द का प्रयोग करते हुए ड्रेस के बजाय साड़ी व ब्लाउज पहन कर स्कूल आने की बात कह दी गई, अब ऐसे में सवाल उठता है की क्या ऐसे शिक्षक बच्चों को अनुशासन व नैतिकता का ज्ञान दे सकते हैं। हालांकी प्रधानाध्यापक ने इस तरह के बयान को अपने जानकारी में नही होने की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने ने काहा है की मेरे विद्यालय में 960 बच्चे नामंकित हैं। जबकी विद्यालय में मात्र 9 शिक्षक ही पदस्थापित है। जिसके कारण पठन-पाठन में परेशानी हो रही है। वही गुणवतार्पूण शिक्षा के लिए छात्रों ने डीएसई व प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी से गुहार लगाई है।