झारखण्ड/घाघरा- -गुमला जिले के घाघरा – प्रखण्ड क्षेत्र में एक ऐसा भी गांव जहां निवास कर रहे लोगो को जान जोखिम में डालकर जाना पड़ता है घर व अन्य कामो के लिए मुख्य पथ यही नजारा बना हुआ है यह बात अद्भुत लगता है लेकिन सत्य है यह हाल देवाकी पंचायत के खपरा टोली गांव का है खपरा टोली में नदी के दूसरी छोर पर भी 12 से 13 परिवार के लोग डेढ़ सौ की संख्या में निवास करते हैं। जिन्हें बरसात के दिनों पर उक्त नदी को पैदल पार करके मुख्य पथ देवाकी तक आना पड़ता है महिलाएं बच्चे समेत सभी जान जोखिम में डालकर नदी को पार करते हैं।पानी नदी में भरे होने के कारण बच्चे नहीं जा पाते क्योंकि वह एक टापू के समान उक्त गांव बन जाता है।
*महिलाओं ने कहा डिलीवरी और बीमार को ले जाने में होती है परेशानी*
उक्त गांव के महिलाओं ने कहा कि सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं की डिलीवरी और बीमार हुए व्यक्तियों को मुख्य पथ लाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है
*पैदल आने जाने के लिए लकड़ी का ग्रामीणों ने बनाया है पुल*
बच्चों की सुरक्षा और बच्चों के स्कूल भेजने के लिए सभी के सहयोग से बॉस और लकड़ी के पुल का निर्माण किया गया है ताकि हल्का सामान लेकर वह उक्त लकड़ी के पुल से पर हो सके बच्चे स्कूल जा सके।
*प्रखंड प्रशासन जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को भी कराया गया अवगत लेकिन नहीं हुआ पुल निर्माण*
ग्रामीणों ने कहा कि प्रखंड प्रशासन जिला प्रशासन व विधायक सहित अन्य लोगों को मौखिक तौर पर कई बार अवगत कराया गया बावजूद अबतक उक्त जगह पर पुल का निर्माण नहीं हो सका जिससे हम सभी के परेशानी दूर हो सके।
*दूरभाष पर किया गया संपर्क नही हुआ फ़ोन रिसीव*
बीडीओ से इस बाबत पहल और पक्ष लेने के लिए दूरभाष पर सम्पर्क किया गया लेकिन फ़ोन रिसीव नही किये।मौके पर पागो देवी,बिरसमुनी देवी,पांचों देवी,मंगल उराव,दिवाकर उराव,पूना उराव,एतवा उराव ,जागे उराव,सहित कई ग्रामीण उपस्थित थे
घाघरा- प्रखंड क्षेत्र खपराटोली के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं जान जोखिम में डालकर बारिश में बच्चों गर्भवती महिलाओं को पुल नहीं होने से लकड़ी का पुल पार करते हैं
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