सूत्रों की मानें तो फर्जीवाड़ा का परत दर परत भेद खुलने से माफियाओं, अधिकारियों व बिचौलियों के गठजोड़ में मचा हड़कंप।
टंडवा (चतरा)। जिले के टंडवा अंचल क्षेत्र भू-माफियाओं के गठजोड़ों द्वारा फर्जीवाड़े के आतंक से इन दिनों सभी काफी हलकान परेशान हैं। सक्षम फरियादी जहां समुचित पटल तक मामला रख कर जूझ रहे हैं। वहीं गरीब तबका भयाक्रांत है। पूरे अंचल क्षेत्र के गड़बड़ियों का पिटारा जैसे हीं धीरे-धीरे खुलने लगा है, इसमें शामिल गठजोड़ों में पूरा हड़कंप मच गया है कि कहीं जांच एजेंसियों की नजर उनके कुबेर खजाने पर ना पड़ जाये। सनसनीखेज मामला मौजा किसुनपर के खाता 115 में शोषित वंचितों को आवंटित किये गये भूदान की जमीनों पर बाहरी लोगों की अवैध जमाबंदी होने से अब लोगों को ये समझ नहीं आ रहा है कि आखिर माफियाओं का गठजोड़ कितना गहरा है! पर्दे के पीछे पद और पैसों से मदोन्मतों का आतंक आखिर कब थमेगा। पिछले हीं दिनों जिला प्रशासन द्वारा फर्जीवाड़ा मामले में संगठित गिरोहों के साथ कुछ अधिकारियों की संदिग्ध भूमिकाओं का जिक्र करते हुवे प्राथमिकी तक दर्ज की गई है। संगठित गिरोहों द्वारा हाइ प्रोफाइल हो रहे भूमि फर्जीवाड़ा का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि भूदान की जमीनों को लेकर पट्टा में जब हस्तांतरण निषिद्ध है तो उसकी जमाबंदी दूसरे जिले के लोगों को कैसे हो गई! शोषित वंचितों के विरुद्ध ऐसे फर्जीवाड़ा पर मौन व्रत साधने वाले बेनकाब होने लगे हैं। क्या जिला प्रशासन द्वारा जब ये पुष्टि हो चुकी है कि संगठित गिरोहों द्वारा टंडवा में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है। तो बढ़ते मामलों के कारण लोग जांच हेतु केंद्रीय जांच एजेंसियों समेत न्याययिक प्राधिकार से लिखित याचना हो रही है।