झारखण्ड/गुमला- झालसा, रांची, के निर्देश पर तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, डालसा के मार्गदर्शन पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गुमला, के द्वारा मोटर यान दुर्घटना दावा के संबंध में विस्तृत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन व्यवहार न्यायालय, गुमला में किया गया ।
कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार चंधरियावी और उपस्थित अतिथिगण के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, गुमला, ने मोटर दुघर्टना मुआवजा दावा के विविध आयामों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाले तथा कहा कि प्रतिभागियों को मोटर यान दुर्घटना मामलों से जुड़े प्रक्रिया को जानने का यह महत्त्वपूर्ण अवसर है, जिसका लाभ आप सभी ले। उन्होंने अपने वक्तव्य में मुख्य रूप से उच्चतम न्यायालय के द्वारा दिए गए निर्णय गौहर मोहम्मद बनाम उत्तर प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन का प्रमुख रूप से जिक्र किया तथा यह समझाने का प्रयास किया कि मोटरयान दुर्घटना दावों के मामले में पुलिस, डॉक्टर तथा ट्रिब्यूनल का काम मुख्य रूप से एक फैसिलिटेटर का होता है ताकि तुरंत पीड़ित परिवार को मुआवजा का लाभ पहुंचाया जा सके।कार्यशाला में मुख्य रूप से पुलिस अधिकारियों और अधिवक्ताओं ने हिस्सा लिया तथा मोटर यान दुर्घटना से संबंधित अपने-अपने संदैहो का समाधान किया। कार्यशाला के दौरान वक्ताओं के द्वारा मोटर दुघर्टना के मामले पर पुलिस की व्यापक भूमिका, प्रारंभिक जांच रिपोर्ट की प्राथमिकता, समय सीमा के अंदर जांच पूरी करने तथा हिट एंड रन मामले में पीड़ित को मुआवजा राशि के भुगतान की प्रक्रियाओं को समझाया गया।कार्यक्रम के दौरान एडीजे प्रथम डी सी अवस्थी, डालसा सचिव पार्थ सारथी घोष, अधिवक्ता शैलेश कुमार, डीटीओ, गुमला, विजय सिंह बीरूवा तथा डॉक्टर नाग भूषण प्रसाद ने मोटरयान दुर्घटना दावा के संबंध में विस्तृत जानकारियां उपस्थित प्रतिभागियों से साझा किया।
गुमला व्यवहार न्यायालय परिसर में मोटरयान दुर्घटना दावा को लेकर कार्यशाला आयोजित किया गया
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