Tuesday, October 22, 2024

इंटरनेट का बढ़ता नशा नासूर से कम नहीं हर उम्र के लोग हैं इसकी चपेट में, दो दिनों की परीक्षा में इंटरनेट पर पाबंदी का समय होना इंटरनेट से लगें हुए यूजर्सौ की हालत दिमागी बिमारियों जैसी रही

इंटरनेट का फैलता दुष्प्रभाव इतना की गेम खेलने की लत वाले बच्चों ने नेट आने तक ब्रेक फास्ट नहीं कर रहे थे और अभिभावक उन्हें मनाने में लगे रहे

झारखण्ड/गुमला: आधुनिक युग में इंटरनेट पर उपलब्ध सुविधाएं आज के लिए लोगों की अहम जरुरत की तरह नजर आ रही है झारखण्ड सरकार द्वारा परीक्षा को लेकर तय समय-सीमा तक इंटरनेट बंद करके का निर्देश से शनिवार एवं रविवार को परीक्षा को लेकर दोपहर वक्त तक इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दिया गया इससे इंटरनेट यूजर्स की हालत एक दिमागी बिमारियों की तरह उस तय समय-सीमा जो इंटरनेट सेवाएं बंद करने का रखा गया था देखने को मिला इंटरनेट का दुष्प्रभाव एवं नशा की तरह लोगों में छा गया है एक तरह से कहा जाए कि यह लोगों को इतनी चपेट में ले लिया है कि इंटरनेट की लत एक नासूर बन गया है इंटरनेट बंद से सिर्फ कामकाजी प्रभावित नहीं हुए बल्कि इसकी लत से बच्चों को भी प्रभावित होता नजर आ रहा था गेम खेलने वाले युवाओं और बच्चों को इंटरनेट की इतनी ज्यादा लत लग चुकी है कि रात तो रात बिस्तर से उठते ही उनके हाथ पहले मोबाइल सेट पर इंटरनेट पर पहली नजर होती है कोई अपने पढ़ाई-लिखाई के लिए तो कोई गेम खेलने के लिए तो को म्यूजिक एल्बम और फिल्म देखने के लिए यह एक ख़तरनाक बिमारी फैल गई है और इसे रोकना अब किसी भी सरकार के पास कोई विकल्प नहीं है।

इसके अलावा 5 जी इंटरनेट स्पीड पर भी आज लोग फालतू देखने में एक्स्ट्रा डाटा एंट्री कराने में अरबों रुपए पानी में बहाएं हुए हैं इससे केवल कॉरपोरेट जगत जो इंटरनेट सेवाएं पूरी करते हैं मालामाल हो रहे हैं।

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