जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में महिला सशक्तिकरण शिविर का आयोजन, विधिक रुप से किया गया जागरुक
इटखोरी(चतरा)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार व राष्ट्रीय महिला आयोग के तत्वाधान में तथा झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह के मार्गदर्शन में सचिव प्रज्ञा बाजपाई के द्वारा चतरा जिले के इटखोरी प्रखंड कार्यालय परिसर में विधिक जागरूकता सह महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें 20 गृहणी, 20 सेविका, 15 वर्ष से उपर की 20 लड़कियां शामिल हुई। इस अवसर पर सचिव ने कहा कि सन 1979 में बीजिंग में हुए इंटरनेशनल कन्वेंशन ऑन द एलिमिनेशन ऑफ ऑल फॉर्म ऑफ डिस्क्रिमिनेशन अगेंस्ट ओमेन जिसे भारत सरकार में भी हस्ताक्षर कर अपनाया तथा कार्यस्थल पर महिलाओं के समान अधिकारों को जगह दी गई तथा घोषणा की गई की महिलाएं यौन उत्पीड़न का शिकार नहीं होनी चाहिए। कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से निवारण के लिए भारत की संसद ने 2013 में एक कानून पास किया जिसका नाम लैंगिक उत्पीड़न निवारण प्रतिषेध एवं प्रतितोष अधिनियम 2013 है। सचिव ने महिलाओं को कानून व कानूनी अधिकारों के साथ हिंदू उत्तराधिकार संशोधन अधिनियम 2005 के बारे में जानकारी दी। अधिवक्ता रामाशीष पाठक ने उपस्थित महिलाओं को हिंदू मैरेज एक्ट, मेंटेनेंस, तलाक, भारतीय दंड प्रक्रिया के अंतर्गत महिलाओं से संबंधित जानकारी दी। सामाजिक कार्यकर्ता मीरा सिंह ने घरेलू हिंसा अधिनियम 2005, बिसाखा गाइडलाइन, पॉक्सो अधिनियम 2012 के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में बीडीओ अन्वेषा ओना का विशेष योगदान रहा।