दिपावली पर्व पर डी माल की रहती है भरमार कही आप अच्छे दाम चूका कर ठगी के शिकार तो नहीं हो रहें हैं

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*दिपावली की खरीदारी में ग्राहक भूल जाते हैं कि वे सही सामग्रियां खरीद रहे हैं या डी माल ग्राहकों को सतर्क रहने की जरूरत ठगें जाए इसकी कोई गारंटी नहीं*

* मिलावटी रंग-बिरंगी मिठाई एवं धी के लड्डू और मिलावटी खाद्य पदार्थ से रहे दूर – रंग बिरंगी खाद्य पदार्थ सेहत को पहुंचा सकती है नुकसान*

* दिपावली पर्व पर सोने चांदी से बने सिक्के और इलेक्ट्रॉनिक सामानों की जमकर होती है खरीददारी
बाजार में डी माल से लोगों को बचने की जरूरत*

झारखण्ड/गुमला -दीपावली का पर्व आ चुका है धनतेरस से लेकर दीपावली के दिन बाजार में खास कर मिठाई मिठाई की दुकानों में देसी घी से लेकर रिफाइन तेल से बने लड्डू और रंग बिरंगी मिठाइयां लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है लेकिन सावधान रहे नकली खोवा की भरमार ऐसे अवसरों पर उन कारोबारी की चांदी हो जाती है जब शहर में अचानक मिठाइयां की मांग बढ़ जाती है और वह भी काफी कीमतों में देसी घी के लड्डू के नाम पर ग्राहकों को चूना लगाया जाता है यहां बताते चले कि दीपावली में देसी घी के लड्डू के भाव आसमान पर रहते हैं चाहे वह असली देसी घी का बना हुआ है या नहीं है इस दिन मिठाई दुकानदारों द्वारा कोई मूल नियंत्रण नहीं रख आने वाले ग्राहकों को लूटने का काम करते हैं मिठाई दुकानदारों के लिए राखी का पर्व के बाद दीपावली का पर अच्छी खासी कमाई का जरिया होता है क्योंकि इन दोनों पैर पर लोगों के लिए मिठाई आवश्यक हो जाती है यहां बचाते चले की नकली खोए की मिठाई और नकली देसी घी का लड्डू खाने से आपकी सेहत पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा हालांकि ग्राहकों को अच्छा समान मिले इसके लिए कभी-कभार फूड इंस्पेक्टर होटलों में औचक निरीक्षण करते हुए खासकर रंग-बिरंगी मिठाइयां का सैंपल लेकर उसकी क्वालिटी का जांच करते हैं पर इस बार ना तो राखी में ही और ना अभी तक आने वाले दीपावली के पर्व पर नकली खाद्य पदार्थों को लेकर विभाग द्वारा अभियान चलाया गया है यहां बताते चले की एक तो ग्राहकों को मिठाइयां का दाम दुकानदारों के द्वारा निर्धारित दर पर खरीदना पड़ता है इसका कोई मूल्य नियंत्रण नहीं होता है और यह भी की उन्हें जो मिठाइयां पड़ोसी जा रही है वह गुणवत्तापूर्ण है या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है वही इलेक्ट्रॉनिक सामानों को लेकर चलें सोने चांदी के गहनों को लेकर चलें हॉल मार्क के नाम पर भी ठगी इस दिवाली पर जोरों पर चलती है चांदी के सिक्के का रिवाज है दीपावली पर खरीदारी करने का लेकिन वह चांदी का सिक्का मिलावटी भी हो सकता है इसकी भी कोई गारंटी नहीं होती है। यहां बताते चलें कि तरह-तरह के लुभाने और छुट का साइन बोर्ड ऐसे अवसरों पर मात्र लोगों को आकर्षित करने के लिए किया जाता है।