चतरा/गिद्धौर/प्रतापपुर/टंडवा। सोमवार को जिला मुख्यालय के साथ गिद्धौर, पत्थलगड़ा, टंडवा, प्रतापपुर व कुंदा आदि प्रखंड़ों में सुहागिन महिलाओं ने वट सावित्री की पूजा की। सुहागिनों ने वट सावित्री व्रत के पावन अवसर पर बरगद पेड़ के छांव में बैठकर विधिपूर्वक गणेश वंदना सती सावित्री सत्यवान की पूजा-अर्चना कर पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की कामना करते यमराज से प्रार्थना की। इस दौरान महिलाओं ने वट सावित्री व्रत कथा सुनी और आस्था के साथ पूजा संपन्न कीया। शास्त्रों के मान्यता अनुसार, सावित्री ने अपने पति सत्यवान को यमराज से वापस लाने के लिए कठिन तपस्या की थी। जिससे प्रसन्न होकर यमराज ने उन्हें अखंड सौभाग्य, सौ पुत्रों की प्राप्ति का वरदान और सास-ससुर के लिए नेत्रदान का वर सती सावित्री ने प्राप्त कि थी। प्रतापपुर प्रखंड में भी सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना के लिए वट वृक्ष (बरगद) के नीचे पूजा-अर्चना की। हालांकि इस बार वट सावित्री व्रत को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रही। कुछ ने प्रातः 11 बजे के बाद तो अधिकांश महिलाओं ने पारंपरिक परंपरा अनुसार सुबह ही पूजा की शुरुआत कर दी थी। टंडवा प्रखंड क्षेत्र में सुहागीनों द्वारा वट सावित्री का व्रत-पूजन हर्षाेल्लास पूर्वक की गई। प्रखंड क्षेत्र के किसुनपुर, सेरनदाग, मिश्रोल, धनगडा, गाडिलौंग, सराढु, कोयद , कुंडी, डहू बड़गांव समेत सुदूरवर्ती इलाकों में भी महिलाओं ने काफी उत्साहित से पूजन किया।
पति की दीर्घायु के लिए सुहागिनों ने की वट सावित्री पूजा, अखंड सौभाग्यवती रहने का मांगा वरदान

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