संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर वर्ष भर चलने वाले ‘हमारा स्वाभिमान’ अभियान की शुरुआत

newsscale
4 Min Read

केंद्र सरकार संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पूरे एक साल चलने वाले कार्यक्रम की मंगलवार से शुरुआत करने जा रही है। “हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान” अभियान के तहत आयोजित किए जाने वाले इस कार्यक्रम की शुरुआत पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल और संविधान सदन में कार्यक्रम से होगी, जिसको राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संबोधित करेंगी। इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों के साथ संसद के दोनों सदन के सदस्य मौजूद रहेंगे।

पूरे वर्ष संविधान दिवस मनाने की तैयारी

केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि भारत सरकार पूरे साल संविधान दिवस मनाने की तैयारी कर रही है, जिसका उद्देश्य नागरिकों को संविधान मसौदा समिति के बारे में शिक्षित करना है, जिसमें डॉ. बीआर अंबेडकर की महत्वपूर्ण भूमिका के साथ 15 महिला मसौदाकारों के योगदान पर जोर दिया जाएगा। जागरूकता फैलाने के लिए गांवों में पहल की जाएगी।

हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान अभियान

उन्होंने कहा कि संविधान और डॉ. बीआर अंबेडकर का सम्मान हमेशा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का मूल सिद्धांत रहा है। केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने कहा कि इस प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में वार्षिक उत्सव मनाने की शुरुआत की। इस साल संविधान को अपनाए जाने के 75 साल पूरे हो रहे हैं और इस ऐतिहासिक दिन को ‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’ अभियान के तहत साल भर की गतिविधियों के साथ मनाया जाएगा। इसका उद्देश्य संविधान को आकार देने में डॉ. बी.आर. अंबेडकर के महत्वपूर्ण योगदान को उजागर करना है।

लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत डॉ. बीआर अंबेडकर के सभी स्थानों पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ संविधान में कलाकारों के योगदान को भी उजागर किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान करते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि लोगों को अपने संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि देना चाहिए।

संवैधानिक मूल्यों की स्थायी विरासत

इस मौके पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव की तरह हमारा संविधान हमारा स्वाभिमान की शुरुआत की जा रही है। एक वर्ष भर चलने वाला समारोह एक ऐसा मील का पत्थर है, जो हमारे लोकतंत्र की उल्लेखनीय यात्रा और हमारे संस्थापक सिद्धांतों और संवैधानिक मूल्यों की स्थायी विरासत को दर्शाता है।

1949 को भारत की संविधान सभा ने संविधान को अपनाया

26 नवंबर 1949 को, भारत की संविधान सभा ने संविधान को अपनाया, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। इस दिन देश के इतिहास में एक नए युग की शुरुआत हुई। यह दिन महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधान को अपनाने का प्रतीक है, जो भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की आधारशिला है। अपनी स्थापना के बाद से, संविधान पिछले 75 वर्षों में राष्ट्र की प्रगति को आकार देने वाले मार्गदर्शक ढांचे के रूप में कार्य करता है।

संविधान दिवस के लिए विशेष वेबसाइट

इस कार्यक्रम के तहत विशेष वेबसाइट https://constitution75.com बनाई गई है, जिससे नागरिकों को इंटरैक्टिव गतिविधियों और संसाधनों के माध्यम से संविधान की विरासत के साथ जुड़ने में मदद मिलेगी। इस वेबसाइट में प्रस्तावना पढ़ते हुए वीडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा होगी। नागरिक अपनी पसंद की भाषाओं में संविधान की प्रस्तावना पढ़ते हुए वीडियो रिकॉर्ड करके अभियान में भाग ले सकते हैं। वीडियो अभियान की वेबसाइट पर अपलोड किए जा सकते हैं और भागीदारी का प्रमाण पत्र डाउनलोड किया जा सकता है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *