एमएसीटी केस पर व्यवहार न्यायालय में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

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न्यूज स्केल संवाददाता
चतरा। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, रांची के तत्वाधान में एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार राकेश कुमार सिंह के मार्गदर्शन में सचिव प्रज्ञा बाजपेई द्वारा व्यवहार न्यायालय सभागार कक्ष में मोटर वाहन दुर्घटना एवं बीमा क्लेम को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उक्त कार्यशाला का शुभारंभ पीडीजे श्री सिंह, जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार सिंह, जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय राकेश चंद्रा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम प्रेमशंकर, जिला बार काउंसिल के प्रभारी अध्यक्ष दुखी प्रसाद आदि के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यशाला में मोटर दुर्घटना में पीड़ित परिवार को ससमय व उचित मुआवजा दिलवाने की प्रक्रिया के प्रावधान और सरलीकरण पर चर्चा हुई। इस अवसर पर पीडीजे ने झारखंड मोटर दुर्घटना कानूनों में वर्ष 2019 में हुए बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा की सड़क दुर्घटना में 30 दिनों के अंदर पुलिस को दुर्घटना से संबंधित कागजात न्यायालय में प्रस्तुत करना है। ऐसा नहीं होने पर कोर्ट को सूचित करना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा की दुर्घटना कभी भी हो सकती है इस लिए बाइक चालक हेलमेट व कार चालक सीट बेल्ट लगा कर वाहन चलाएं। अगर कहीं दुर्घटना होता है तो, आस पास के लोग पुलिस को सूचित करें। प्रथम टेक्निकल शेषन में एडीजे पंचम श्री शंकर ने मोटर वाद अधिनियम में आए 2019 के संशोधन के बारे में विस्तृत जानकारी दी। दूसरे टेक्निकल शेषण में जिला परिवहन पदाधिकारी इंदर कुमार ने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत आने वाले नियमों के बारे में तथा उसके उलंघन के जुर्माने के बारे में जानकारी दी। चौथे शेषण मे एसडीपीओ सिमरिया अशोक रविदास ने मोटर व्हीकल अनुसंधान के बारे में जानकारी दिए तथा डॉक्टर कुमार उत्तम ने मोटर व्हीकल एक्सीडेंट में मेडिकल ऑफिसर के जिम्मेदारियों के बारे में बताया। उपरोक्त कार्यक्रम में सभी 14 थानों से नियुक्त अनुसंधानकर्ता, अधिवक्ता, डॉक्टर, इंश्योरेंस कंपनी के स्टॉफ, सभी कोर्ट स्टॉफ, पीएलवी सुजीत कुमार पाठक, प्रभु कुमार यादव, अनिल कुमार, राजेश कुमार तथा गोपाल कृष्ण यादव आदि उपस्थित थे।