झारखण्ड/गुमला – प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष संजय कुमार चंधरियावी, जिला विधिक सेवा प्राधिकर, गुमला, के मार्गदर्शन में डालसा, गुमला, के टीम के द्वारा शांति सदन, अरमय ग्राम, गुमला, का दौरा किया तथा वहां रह रहे मानसिक महिला रोगियों से बातचीत कर उनके स्वास्थ्य के बारे जानकारी लिया गया तथा उन्हें नियमित रूप से दवाओ का सेवन करने तथा व्यायाम को अपने दिनचर्या में शामिल करने को कहा गया। कैंप में डालसा सचिव श्री पार्थ सारथी घोष, शंभू सिंह, सदस्य, पी एल ए, प्रकाश कुमार, पीएलवी तितरू उरांव तथा शांति सदन में कार्यरत सिस्टर शामिल हुए। इस संदर्भ में डालसा सचिव पार्थ सारथी घोष ने बताया कि “मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक मानव अधिकार है” तथा हमलोगों का यह दायित्व है कि हम सभी अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें ताकि एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके। उन्होंने आगे बताया कि मानसिक बीमारी से पीड़ित लोगों या दिव्यांग बच्चे सभी प्रकार के मौलिक स्वतंत्रता तथा मानवीय अधिकारों के हकदार हैं तथा इन्हें पूर्ण गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार है । इनके साथ पक्षपात नहीं होना चाहिए तथा उन लोगों के समस्याओं का तत्काल उपचार होना चाहिए । उन्होंने आगे बताया कि मानसिक रोग से पीड़ित बच्चों तथा लोगो को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता है तथा इस संदर्भ में राष्ट्रीय कल्याण ट्रस्ट अधिनियम के तहत मिलने वाली लाभो को उनलोगो तक पहुंचा कर सशक्त बनाने की जरूरत है।ज्ञात हो कि इस सौ दिवसीय जगरूकता कार्यक्रम के दौरान घाघरा प्रखण्ड के बेलागाडा, रेहै टोली, बडा खटनगा, गुमला प्रखण्ड के कुम्हरीया तथा भरनो के बगीया टोली में पी० ल० भी० के द्वारा बाल विवाह, महिला सशक्तिकरण तथा विभिन्न सरकारी योजनाओ के विषय में जागरूकता फैलाया गया तथा पी० ल० भी० जसीनता कुजुर तथा मंगलेश्वर उरांव के द्वारा तूजो ग्राम के स्कूली बच्चों तथा ग्रामीण महिलयों के साथ प्रभात फेरी का आयोजन किया गया।