पुलिस ने बड़ी मशक्कत से उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में एक महिला के ब्लाइंड मर्डर का उद्भेदन किया है। प्रेमी ने ऐसी खौफनाक साजिश अपनी प्रेमिका की हत्या करने के लिए रची की जानकर सभी के होस उड़ गए। फिर भी वह पुलिस की पकड़ से नहीं बच सका। कांड के उद्भेदन करने वाली पुलिस टीम को 25000 रुपये का नगद इनाम भी दिया गया है। ब्लाइंड मर्डर की यह कहानी आपको हैरान कर देगी। बलरामपुर जिले की गौरा चौराहा थाना क्षेत्र में प्रेमी ने अपनी प्रेमिका की हत्या की खौफनाक साजिश रची और अपने दो साथियों के साथ मिलकर पहले गला दबाकर उसकी हत्या की, फिर शव को सड़क पर रखकर कार चढ़ा दी। इसके बाद रोड़ के किनारे फेंक दिया। यही नहीं पुलिस को चकमा देने के लिए प्रेमिका के मोबाइल फोन को दिल्ली जा रही ट्रेन में रख दिया। पर पुलिस के आगे शातिर प्रेमी की एक भी फितरत काम ना आई। पुलिस ने बड़ी मशक्कत ब्लाइंड मर्डर का उद्भेदन करते हुए हत्यारे प्रेमी और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। हत्या में प्रयुक्त कार भी बरामद कर ली है। प्रेम प्रसंग में हुई इस हत्या को दुर्घटना का रूप देने के लिए आरोपियों ने खौफनाक साजिश रची थी।
महिला का शव सड़क के किनारे पड़ा मिला था
पुलिस सूत्रों के अनुसार बीते 26 फरवरी को गौरा चौराहा थाने का चौकीदार अपने घर से किसी काम के लिए चौबेपुर की तरफ जा रहा था। तभी महुआ से चौबेपुर के नहर किनारे से गुजरे पक्की सड़क पर एक 28 वर्षीय महिला का शव पड़ा देखा और इसकी सूचना उसने पुलिस को दी। मृतका की पहचान होने के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुली पोल
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु गला दबने के कारण हुई थी। पुलिस ने हत्या की धाराओं में अज्ञात के विरुद्ध मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की, तो दर परत घटना की पोल खुलती गई। पुलिस ने जांच के दौरान बस्ती जिले के थाना सोनहा के गांव लिदबा चक्का चौराहा निवासी सुनील कुमार ठाकरे तथा इसी जिले के गौर थाना के रानीपुर बाबू निवासी गोपाल पुत्र घनश्याम तथा इसी थाना क्षेत्र के गांव बलुवा चौबे निवासी जवाहरलाल पुत्र रामबली को गिरफ्तार किया है।
प्रेमी ने शादी का दबाव दिया तो प्रेमीका की गला दबाकर कर हत्या कर कार चढा कर दिया दुर्घटना का रूप
मृतिका के प्रेमी और उसके साथियों ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि सुनील और शीलम का करीब ढाई वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। शीलम को सुनील ने बस्ती शहर में किराये का कमरा लेकर वहीं पर रखे हुए था। जबकी सुनील की 7 वर्ष पहले शादी हो चुकी थी। पहली पत्नी से एक लड़का है। कुछ दिनों से शीलम सुनील से शादी करके घर ले जाने का दबाव बना रही थी। तो हम लोगों ने सोंचा कि अगर शीलम घर आ गयी। तो समाज में बड़ी बदनामी होगी। पहली पत्नी भी बवाल करेगी। हम लोगों ने शीलम को रास्ते से हटाने का मन बना लिया। उसके बाद 25 फरवरी को शीलम को होटल में खाना खिलाने के बहाने कुटियाज रेस्टोरेंट पटेल नगर बस्ती में बुलाया। सभी लोग शीलम के साथ खाना खाये। खाना खाने के बाद योजना के तहत और अधिक रात्रि होने के इंतजार में घूमने फिरने के बहाने शीलम को गाड़ी में बैठाकर इधर उधर घूमने लगे। गाड़ी को सुनील चला रहा था। राम गोपाल व जवाहर लाल पीछे बैठे थे। शीलम सुनील के बगल वाली सीट पर बैठी थी। हम लोग योजनाबद्ध तरीके से सीलम के गले में रामगोपाल ने अपना बेल्ट डालकर कस दिये। जवाहर लाल ने हाथ पकड़ लिया और सुनील ने उसका मुंह दबा दिया। जब बेहोश हो गयी। तो उसके स्टोल (दुपट्टा) से गला दबाकर मार डाला।