चतरा। वर्षों से व्यवहार न्यायालय में चली आ रही मॉर्निंग कोर्ट की व्यवस्था अब समाप्त कर दी गयी है। यह झारखंड हाई कोर्ट आदेश से हुआ है। उपरोक्त जानकारी अधिवक्ता संघ के सचिव मुरली मनोहर मिश्र ने देते हुए बताया कि इस वर्ष से मॉर्निंग कोर्ट की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। झारखंड हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जेनरल मनोज प्रसाद के पत्रांक 73 दिनांक 26/3/2025 के अनुसार यह व्यवस्था लागू की गई है। झारखंड हाई कोर्ट के आदेश अनुसार अब निचली अदालत में चली आ रही मॉर्निंग कोर्ट की व्यवस्था को बदलकर आधिकारिक रूप से अंग्रेजों के समय से चलने वाली व्यवस्था को पूर्ण विराम लगा दिया गया है। पहले की व्यवस्था में प्रत्येक वर्ष अप्रैल पहले सोमवार से जून के अंतिम शनिवार तक मॉर्निंग कोर्ट सुबह 7ः30 से 12ः30 तक चलता था। लेकिन इस व्यवस्था को बंद करते हुए अब न्यायालय अपने समय से 10ः30 से 5 बजे तक चलेगी। अधिवक्ताओं ने इसपर मिश्रीत प्रतिक्रिया दी है। जिला अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह का कहना है की गर्मी ज्यादा पड़ने लगी ऐसे में मॉर्निंग कोर्ट ही सही है। पहले वाली व्यवस्था को सुचारू चलने देना चाहिए। अधिवक्ता शिवकुमार सिंह ने कहा कि प्रातः कालीन होनी चाहिए। वहीं अधिवक्ता संघ के सचिव श्री मिश्र ने कहा कि उच्च न्यायालय के डे कोर्ट की जो व्यवस्था की गई है, वह बिल्कुल सही है। काम करने में सुविधा होगी, पहले मॉर्निंग कोर्ट के साथ डे कोर्ट भी करना पड़ता था।