कलश स्थापना के साथ लोहरदगा में दुर्गा पूजा की तैयारियां शुरू, भक्तिभाव से हुई मां शैलपुत्री की आराधना 

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लोहरदगा में कलश स्थापना के साथ शुरू हुई नवरात्र पूजा

लोहरदगा। लोहरदगा का मंदिरों में मां आदिशक्ति का आराधना शुरू हो गई है। आज कलश स्थापना किया गया और मां के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना भक्ति भाव से शुरू हो गई। स्थानीय काली मंदिर में भी कलश स्थापना कर पूजा अर्चना शुरू कर दिया गया है। हर ओर मां दुर्गा के भक्ति गीतों की लहरिया गूंज रही है। बता दें कि आदिशक्ति मां दुर्गा की आराधना साल में चार नवरात्र के माध्यम से की जाती है। सबसे अधिक श्रद्धालुओं की संख्या शारदीय नवरात्र में ही होती है। शक्ति के कई उपासक अपने छाती पर कलश स्थापना कर कठिन साधना करते हैं। नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा के भक्तों के लिए खास होता है। नवरात्र के नौ दिन मां भवानी के नौ स्वरूपों की विधिवत आराधना की जाती है। आज से मंदिरों और घरों से लेकर पूजा पंडालों में दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू हो गया है। भक्त 9 दिनों तक मां की आराधना में जुटे रहेंगे। नवरात्रि के प्रथम दिन हस्त नक्षत्र, ऐन्द्र योग और जायद योग में पूजन हुआ। आचार्य रामसेवक पाठक ने बताया कि मां दुर्गा का आगमन इस बार डोली व पालकी पर हुई है और विदाई चरणायुध अर्थात मूर्गे पर होगा। इसके कारण मानव जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने बताया कि मां दुर्गा की सवारी वैसे तो शेर है लेकिन जब वह धरती पर आती है तो उनकी सवारी दिन के हिसाब से बदल जाती है।इधर, पूजा को लेकर अभी से ही पूजा पंडाल वाले स्थलों पर प्रशासन द्वारा सुरक्षा के लिये पुलिस बल की तैनाती शुरू कर दी गयी है. साथ ही प्रशासन ने सभी पूजा समिति के सदस्यों के साथ बैठक कर पूजा से संबंधित सुरक्षा व्यवस्था एवं अन्य मुद्दों पर चर्चा करते हुये शांतिपूर्ण ढंग से पूजा मनाने की अपील की है.