कला वास्तविकता को दिखाने वाला एक दर्पण है – बिपिन कुमार दास
लोहरदगा। शीला अग्रवाल सरस्वती विद्या मंदिर लोहरदगा के वंदना सभागार में ऊर्जा दक्षता (ब्यूरो विद्युत, मंत्रालय भारत सरकार) द्वारा पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। यह प्रतियोगिता अखिल भारतीय स्तर पर राष्ट्रीय जागरूकता अभियान के तहत चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित कि गई। यह प्रतियोगिता भारत के बाहर भी विद्यालयों पर लागू है। चित्रकला का विषय दो भागों में था। जूनियर बच्चों के लिए ऊर्जा का संरक्षण पर्यावरण का अनुरक्षण एवं सीनियर बच्चों के लिए ऊर्जा की बचत पर्यावरण की रक्षक। इस प्रतियोगिता में विद्यालय के कक्षा षष्ठ से नवम के भैया -बहन शामिल हुए , भैया -बहनों की संख्या154 थी। मौके पर विद्यालय के प्रधानाचार्य बिपिन कुमार दास उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि कला वास्तविकता को दिखाने वाला एक दर्पण है ।जिसमें भावनात्मक अभिव्यक्ति की खोज की जाती है। कला के माध्यम से अपने अनुभवों और भावनाओं के साथ व्यक्तिगत विकास किया जाता है ।यह प्रतियोगिता आचार्या जया मिश्रा के दिशा निर्देशन में संपन्न हुआ। इस प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय एवं तृतीय विजेताओं को एक-एक लैपटॉप और 10 प्रशंसा पुरस्कार विजेता को एक-एक टैबलेट प्रदान किया जाएगा।
बोलने से ही लिखने का सम्यक विकास होता है : प्रधानाचार्य
लोहरदगा। सुंदरी देवी सरस्वती शिशु मंदिर लोहरदगा में आज वंदना सभागार में सरस्वती वंदना के पश्चात आज शिशुओं के बीच हिंदी अंग्रेजी कविता वाचन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में कक्षा सह सभी भैया बहन सक्रिय रूप से भाग लिए इस प्रतियोगिता में कक्षा अरुण,द्वितीय एवं तृतीय के भैया बहनों का प्रदर्शन सराहनीय एवं प्रशंसनीय रहा। इस अवसर पर प्रधानाचार्य श्री सुरेश चंद्र पांडे ने कहा कि कविता पाठ प्रणाली का सम्यक विकास सभी शिशुओं के लिए अति आवश्यक है। उसके द्वारा ही लिखने की प्रवृत्ति जागृत होती है, जो बच्चे याद करते है वही लिखते हैं। स्मरण शक्ति के विकास के द्वारा ही शिशुओं का सर्वांगीण विकास होता है।इसके पूर्व सुश्री सुनीता बहन जी द्वारा भ्रामरी योग का अभ्यास करते हुए स्मरण शक्ति के विकास पर महत्वपूर्ण बातें बताई गई। इस अवसर पर विद्यालय के सभी आचार्य बंधु भगिनी उपस्थित रहे।