झारखण्ड/गुमला – राज्य सरकार द्वारा शुरू किया गया मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना (एमएमएस) में महिलाओं के लिए राशन कार्ड की बाध्यता को खत्म करने के लिए आरटीआई कार्यकर्ता आनंद किशोर पंडा ने मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित किया है l पत्र में इन्होंने उल्लेख किया है कि आपके सरकार के द्वारा एक नई योजना ” मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना ” राज्य में दिनांक 25 जुलाई 2024 से शुरू किया गया है जो बेहद उपयोगी है जिसके तहत 21 से 50 वर्ष के गरीब एवं आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को आर्थिक सहायता राशि प्रति माह 1000/- रु प्रदान करना है तथा इसमें महिलाओं के पास राशन कार्ड का होना अनिवार्य किया गया है , जो गुमला जिले सहित राज्य के तमाम जिलों के गरीब एवं आर्थिक रूप से कमजोर तबके का महिलाओं के समक्ष विकट समस्या उत्पन्न हो रहा है जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, ना ही पिता या पति के नाम राशन कार्ड है या फिर जिला या प्रखंड के आपूर्ति कार्यालयों में नया राशन कार्ड बनाने या परिवार के राशन कार्ड में नाम जोड़ने सम्बंधी इनके आनलाईन आवेदन को वर्षों से दबाकर रखा गया है l ऐसे महिलाएं आखिर कैसे आवेदन करें l और ऐसी स्थिति में राज्य के लाखों महिलाएं इस योजना के लाभ से वंचित रह जाएंगे जबकि राज्य के मुख्य सचिव के द्वारा राज्य के सभी उपायुक्तों के नाम भेजे गए पत्र संख्या 1857 दिनांक 06-08-2024 में उल्लेख है कि अगले दस दिनों में प्रत्येक जिले से एक-एक लाख इस योजना के आवेदन की स्वीकृति करें जो राशन कार्ड के अभाव में घोर परेशानी है और योजना का सफल क्रियान्वयन में रोड़ा भी है l इन्होंने पत्र के अंतिम पैरा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि *मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना में राशन कार्ड की बाध्यता को शिथिल करने के लिए आदेश जारी* करने की कृपा किया जाय ताकि राज्य एवं जिले के सभी गरीब एवं आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल सके lगुमला -राज्य सरकार द्वारा शुरू किया गया मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना (एमएमएस) में महिलाओं के लिए राशन कार्ड की बाध्यता को खत्म करने के लिए आरटीआई कार्यकर्ता आनंद किशोर पंडा ने मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित किया है l पत्र में इन्होंने उल्लेख किया है कि आपके सरकार के द्वारा एक नई योजना ” मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना ” राज्य में दिनांक 25 जुलाई 2024 से शुरू किया गया है जो बेहद उपयोगी है जिसके तहत 21 से 50 वर्ष के गरीब एवं आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को आर्थिक सहायता राशि प्रति माह 1000/- रु प्रदान करना है तथा इसमें महिलाओं के पास राशन कार्ड का होना अनिवार्य किया गया है , जो गुमला जिले सहित राज्य के तमाम जिलों के गरीब एवं आर्थिक रूप से कमजोर तबके का महिलाओं के समक्ष विकट समस्या उत्पन्न हो रहा है जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, ना ही पिता या पति के नाम राशन कार्ड है या फिर जिला या प्रखंड के आपूर्ति कार्यालयों में नया राशन कार्ड बनाने या परिवार के राशन कार्ड में नाम जोड़ने सम्बंधी इनके आनलाईन आवेदन को वर्षों से दबाकर रखा गया है l ऐसे महिलाएं आखिर कैसे आवेदन करें l और ऐसी स्थिति में राज्य के लाखों महिलाएं इस योजना के लाभ से वंचित रह जाएंगे जबकि राज्य के मुख्य सचिव के द्वारा राज्य के सभी उपायुक्तों के नाम भेजे गए पत्र संख्या 1857 दिनांक 06-08-2024 में उल्लेख है कि अगले दस दिनों में प्रत्येक जिले से एक-एक लाख इस योजना के आवेदन की स्वीकृति करें जो राशन कार्ड के अभाव में घोर परेशानी है और योजना का सफल क्रियान्वयन में रोड़ा भी है l इन्होंने पत्र के अंतिम पैरा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि *मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना में राशन कार्ड की बाध्यता को शिथिल करने के लिए आदेश जारी* करने की कृपा किया जाय ताकि राज्य एवं जिले के सभी गरीब एवं आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल सके l