
न्यूज स्केल संवाददाता
गिद्धौर(चतरा)। गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत चतरा-हजारीबाग जिले के सिमाने पर स्थित बलबल-द्वारी नदी से अवैध बालू का उठाव जोरों पर है। दुसरी ओर अवैध बालू की ढूलाई होने से ग्रामीणों को आवास निर्माण कार्य में महंगे दर पर बालू खरीदनी पड़ती है। बालू माफिया रात के अंधेरे में अवैध बालू का उठाव कर चतरा-हजारीबाग शहर में धड्डले से बेच कर भरपूर लाभ उठा रहे हैं। वहीं गिद्धौर के नजदीक बड़की नदी से भी बालू का उठाव धडले से माफियाओं द्वारा किया जा रहा है। इसके बाबजूद प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। खबर प्रसारित होने के बाद भी खाना पूर्ति की जाती है। जबकि प्रखंड में चल रहे टेंडर वाले कामों में संवेदकों को बिना चलान का बालू का आपूर्ति धड्डले से किया जा रहा है। संवेदक बिना चलान के बालू माफियाओं से बालू लेकर काम में लगाकर अपनी कमाई बढ़ा रहे हैं। जबकि सरकार को राजस्व का चुना लगा रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि आखिर दुवारी में एक भी बालू घाट नहीं है और हर रोज सैकड़ों टैक्टर बालू अवैध खनन कर ले जा रहे हैं। यही नहीं रात के अंधेरे में बालू माफिया पुलिस से ज्यादा पेट्रोलिंग करते हैं। चतरा-हजारीबाग सीमा का लाभ माफिया खुब उठा रहे हैं। सूत्रों की माने तो प्रशासन को मैनेज करने का भी खेल खेला जाता है। कुछ साल पहले वन विभाग ने कई ट्रैक्टर मालिकों पर केस दर्ज किया था। उसके बाद भी अवैध करोबार जारी है। आज दुवारी के किसानों की चिंता बढ़ने लगी है, क्यों कि बालू उठाव से पानी का लेयर निचे पहुंचने लगा है। ग्रामीणों बालू माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।