हमारी संस्कृति, सभ्यता ही आदिवासियों की पहचान है: मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव

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लोहरदगा। विधायक सह मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव योजना सह वित्त विभाग वाणिज्य कर विभाग एवं खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग झारखंड सरकार द्वारा कैरो प्रखंड मुख्यालय में ग्रामीणों के बीच मांदर वाद्ययंत्र का वितरण किया गया। वित्त मंत्री ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि मांदर झारखंड का प्राचीन और अत्यंत लोकप्रिय वाद्य यंत्र है यह हमारे संस्कृति सभ्यता की पहचान है और हमारे ग्रामीण आदिवासी बहुल क्षेत्र में समूह गायन में, लयात्मक संगीत के लिए, नृत्य के लिए इसका उपयोग मुख्य तौर पर किया जाता है इसके बिना त्योहार, अखाड़ा, गायन, वादन, नर्तन, झांकी, नाटक, का सौंदर्य अधूरा होता है इसलिए हमारे आदिवासी धार्मिक, सांस्कृतिक, को बचाए रखने के लिए विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में मांदर एवं नगाड़े का वितरण मेरे द्वारा किया जा रहा है जिससे हमारा पारंपरिक प्रकृति पर्व कर्मा पूरे जिले में हर्षोललास के साथ मनाया जा सके, इस वर्ष पूरा लोहरदगा जिला करमा पर्व का शुभ अवसर पर मांदर की थाप पर संगीतमय होगा। कर्मा पूर्व संध्या भी सभी लोग हर्षोल्लास के साथ मना सकेंगे।हमारे जिले में हमारे पारंपरिक स्थल अखड़ा की कमी थी जिससे देखते हुए मेरे विधायक मद से युद्ध स्तर पर अखड़ा का निर्माण किया जा रहा है और जिले के लगभग सभी ग्रामों में अखड़ा का निर्माण किया जा चुका है और वर्तमान में जिले के 62 अखड़ा में सोलर लाइट लगाने का काम किया जा रहा है, मैं आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हूं, और आगे भी समर्पित रहूंगा। हमे अपने हक अधिकार सभ्यता संस्कृति की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए जागरूक होना चाहिए, हमारी गठबंधन सरकार वर्तमान में राज्य के चहोमुखी विकास के लिए तत्पर है, सभी वर्गों के सामाजिक विकास के साथ-साथ आधारभूत संरचना का भी विकास जिले एवं राज्य में तेजी से किया जा रहा है। मौके पर कार्यकारी जिलाध्यक्ष शकील अहमद,प्रदेश प्रतिनिधि डॉ अजय शहदेव,विधायक प्रतिनिधि निशीथ जायसवाल,अनिस अहमद,बुधवा उरांव, डोमना उरांव, सुशील उरांव,विशाल डुंग डुंग, संभू प्रजापति, शरद विद्यार्थी, इंतेखाब आलम, नजीब अंसारी,तिला उरांव, अल्ताफ अंसारी, असलम अंसारी, मंजन उरांव,नारायण उरांव, मुन्नी उरांव,गणपत उरांव, शिव उरांव, सुमन उरांव, विजय उरांव, अनवर अंसारी, सनुल्लाह सना, रौनक इकबाल, मुजाहिद अंसारी, विजय उरांव, प्रवीण उरांव,राजेश टाना भगत, देवनाथ उरांव, रोपा पहान, भोला भगत, संजय भगत, विनय उरांव, संजय उरांव, चंपा उरांव, सुकरा उरांव, झरियो उरांव आदि उपस्थित थे।