Sunday, April 20, 2025

गुमला जिला कांग्रेस कमेटी ने पदयात्रा की पहली वर्षगांठ पर बिरसा मुंडा एग्रो पार्क से टॉवर चौक तक पदयात्रा निकाली

गुमला -जिला कांग्रेस कमेटी गुमला के द्वारा जिला अध्यक्ष चैतु उरॉव के अध्यक्षता में ऐतिहासिक भारत जोड़ो यात्रा की पहली वर्षगांठ पर राष्ट्रव्यापी जिला स्तरीय भारत जोड़ो यात्रा धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के आदर्श पूर्ण जीवन, सहर्ष, शौर्य ,पराक्रम का प्रतीक है उन्होंने निस्वार्थ भाव से आदिवासी समाज के सशक्तिकरण के लिय काम कर समाज को एक नई दिशा दिखाई और अपने क्रांतिकारी सोच से अंग्रेजों के विरुद्ध मोर्चा भी संभाला ऐसे महान देशभक्त को एग्रो पार्क गुमला में भगवान बिरसा मुंडा के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शहीद स्थल टावर चौक पदयात्रा कर भारत जोड़ो यात्रा सम्मेलन किया गया। जिला अध्यक्ष चैतु उरॉव ने कहा कि कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस यात्रा ने जनता के सामने राहुल गांधी की छवि को बदल दिया। अपनी 4000 किलोमीटर की यात्रा में राहुल गांधी अपने समर्थकों के साथ-साथ विरोधियों का भी ध्यान खींचने में कामयाब रहे।भारत जोड़ो यात्रा की पहली वर्षगांठ पर कांग्रेस ने बताया कि यह राहुल गांधी के लिए ‘मन की बात’ जैसा भाषण अभ्यास नहीं बल्कि जनता की चिंता सुनने का अवसर था, जो अभी भी विभिन्न रूपों में जारी है। यह यात्रा भारतीय राजनीति में परिवर्तनकारी साबित हुआ है। इस यात्रा ने बढ़ती आर्थिक असमानताओं, बढ़ते सामाजिक ध्रुवीकरण और गहराते राजनीतिक अधिनायकवाद पर ध्यान केंद्रित किया।एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा, ‘आज कन्याकुमारी से कश्मीर तक आजियत किए जाने वाले भारत जोड़ा यात्रा की पहली वर्षगांठ है। यह मन की बात जैसा भाषण अभ्यास नहीं बल्कि जनता की चिंता सुनने का अवसर था।यात्रा का समापन इस साल 30 जनवरी को हुआ, इस दौरान राहुल गांधी ने 12 पब्लिक मीटिंग, 100 नुक्कड़ मीटिंग और 13 प्रेस कॉन्फ्रेंस किए। इसके अलावा राहुल गांधी ने छात्रों, ट्रक ड्राइवरों, किसानों और फार्म कार्मचारियों से बातचीत भी की। इस दौरान उन्होंने मणिपुर की यात्रा भी की।
कार्यक्रम प्रभारी सुखदेव भगत ने कहा कि इस यात्रा ने जनता के सामने राहुल गांधी की छवि को बदल दिया। अपनी 4000 किलोमीटर की यात्रा में राहुल गांधी अपने समर्थकों के साथ-साथ विरोधियों का भी ध्यान खींचने में कामयाब रहे।कांग्रेस पार्टी के अनुसार, राहुल गांधी की इस यात्रा का घोषित उद्देश्य ”भारत को एकजुट करना और साथ मिलकर देश को मज़बूत करना है।भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने बार-बार कहा कि वो देश में नफ़रत के ख़िलाफ़ मोहब्बत की दुकान खोलना चाहते हैं।एलडीएम कोऑर्डिनेटर पवन गौतम ने कहा कि यात्रा के दौरान जगह-जगह भाषण देते हुए और मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और बेरोज़गारी, महंगाई, भारत के सीमा क्षेत्र में चीन के दख़ल का मुद्दा उठाया.राहुल गांधी ने इस यात्रा के ज़रिए उन सभी सवालों को ख़ारिज कर दिया है जो उन पर उठते रहे थे. पहले कहा जाता था कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद नहीं छोड़ेंगे, उन्होंने अध्यक्ष पद छोड़ा, फिर कहा गया कि वो ख़ुद अध्यक्ष बन जाएंगे, लेकिन वो नहीं बने, इसके बाद कहा गया कि अध्यक्ष के चुनाव को टाल दिया जाएगा, लेकिन वो भी नहीं टाला गया. ऐसा कुछ नहीं हुआ और राहुल गांधी ने जो काम करना तय किया था, वो उसमें लगे रहे और उसे पूरा किया.।प्रदेश सचिव रमेश कुमार ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के ज़रिए राहुल गांधी ने एक मज़बूत और गंभीर नेता की छवि बनाई है. बीजेपी और सोशल मीडिया ट्रोल ने राहुल गांधी की अलग छवि बनाई थी. पहले राहुल गांधी का मज़ाक बनाते हुए मीम सोशल मीडिया पर शेयर किए जाते थे. अब ये मीम कम हो गए हैं और राहुल गांधी के लिए सकारात्मक कंटेंट सोशल मीडिया पर बढ़ गया है.यात्रा के दौरान राहुल गांधी की बहुत-सी ख़ूबसूरत तस्वीरें भी आईं. कहीं राहुल बच्चों के साथ खेल रहे हैं, कहीं बुज़ुर्ग महिला का हाथ थाम रहे हैं तो कहीं आम लोगों को गले लगा रहे हैं. इन तस्वीरें से भी राहुल गांधी की एक सकारात्मक छवि बनी है।विचार प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष खुदी भगत दुखी ने कहा कि इस यात्रा ने राहुल गांधी के व्यक्तित्व को भी गंभीर बनाया है. हिंदू धर्म में यात्राओं का अहम स्थान रहा है. यात्राएं व्यक्तित्व को गंभीर बनाती हैं. राहुल गांधी ने इस यात्रा के ज़रिए हिंदुस्तान को देखा है, ज़ाहिर है उन्होंने देश के हर गंभीर मुद्दे को भी समझा होगा.
अफ़्रीका से लौटने के बाद जब गांधी भारत आए थे तब उन्होंने भी भारत में यात्राएं कीं और देश को समझा. भारत जोड़ो यात्रा ने राहुल गांधी को देश को समझने का मौका दिया है.एसी प्रकोष्ठ के मुकेश दास ने कहा कि राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी के मज़बूत नेतृत्व के सामने एक ताक़तवर विकल्प के रूप में खड़े होने की कोशिश भी इस यात्रा के ज़रिए की है. यदि राहुल गांधी को बराबर का नेता ना भी कहें तब भी अब वो कतार में तो आ ही गए हैं. अब लोग राहुल गांधी को गंभीरता से ले रहे हैं. सभा की समाप्ति की घोषणा मानिकचंद साहू ने किया ।मौके पर उपस्थि आशिक अंसारी, अखिल रहमान, राजीव रंजन महतो,फिरोज आलम,आलोक साहू, हंदु भगत,भुषण सिंह, तरुण गोप, जासमीन लुगुन,बेली जी,जिला कार्यकारिणी सदस्य गण, सेल , प्रकोष्ठ जिला अध्यक्षगण, प्रखंड अध्यक्षगण, मंडल अध्यक्षगण, पंचायत अध्यक्षगण, बूथ अध्यक्षगण कांग्रेसी नेता गण एवं कार्यकर्ता गण उपस्थित थे।

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