Sunday, April 20, 2025

एक सप्ताह से नौवीं कक्षा की छात्रा करिश्मा कुमारी छात्रावास में अस्वस्थ थी वार्डन ने छुट्टी देने से इंकार किया गंभीर हालत में इलाज कराने जाते समय मौत हो गई- लोगों ने स्वेच्छा से आर्थिक मदद कर अंतिम संस्कार कराएं

झारखण्ड/गुमला -कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की नौवीं की छात्रा करिश्मा कुमारी की तबीयत बिगड़ी हुई थी और वार्डन कमला कुमारी को जब यह जानकारी छात्रा द्वारा अपने स्वास्थ्य को लेकर घर जाना चाही तो वार्डन ने छुट्टी देने से मना कर दी बताया जाता है कि छात्रा पिछले एक सप्ताह से छात्रावास में बिमार थी और जब वार्डन द्वारा छुट्टी नहीं देने पर परिजनों को दूसरे ने सूचना दी थी तब परिवार वालों ने बिमार छात्रा करिश्मा कुमारी को अपने घर लाएं परिणामस्वरूप छात्रा करिश्मा कुमारी की तबीयत ज्यादा खराब हो गई आनन फानन में उसे जब स्वास्थ्य चिकित्सा के लिए लाया जा रहा था तो गुरूवार को सुबह मौत हो जाने का मामला सामने आया है और इस मामले को लेकर ग्रामीणों में भी गुस्सा था मृत्यु के बाद छात्रा का शव जारी चैनपुर रोड़ पर रखकर दोषियों पर कार्रवाई एवं मुआवजा की मांग परिजनों एवं ग्रामीण करने लगे इसकी सूचना मिलते ही जारी थाना पुलिस एवं अंचलाधिकारी जामस्थल में पहुंचे हुए थे जहां पर मीडिया कर्मियों की भी उपस्थिति थी इस घटनाक्रम को लेकर सड़क पर लेटी हुई छात्रा करिश्मा कुमारी का शव का अंतिम संस्कार करने के लिए लोगों ने स्वेच्छा से आर्थिक रूप से मदद करने लगें वहीं मौके पर मौजूद अंचलाधिकारी ने कहा कि आज सरकारी छुट्टी है इसलिए मृतिका छात्रा का अंतिम संस्कार करने के लिए लोग चंदा जुटा रहे हैं यह कहना गलत है लोग पीड़ित परिवार को लेकर मदद कर रहे हैं और उन्होंने मीडिया से सवाल पूछे जाने पर कहा है कि चंदा को लेकर राजनीतिक ना की जाएं और मामले को भी ज्यादा तूल नही दे उन्होंने कहा कि जारी प्रखंड प्रशासन इस दुःख की बेला में पीड़ित परिवार के साथ संवेदना व्यक्त करते हैं और सरकारी प्रावधान के अनुसार 4 लाख रुपए आपदा राहत कोष से एवं 25 हजार रुपए पारिवारिक हित लाभ कोष से कार्यालय खुलते ही एक दो दिन में मुआवजा राशि दी जाएगी। वहीं मामले को लेकर बजरंग दल ने दोषियों के उपर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। यहां बताते चलें कि गुमला जिले में आवासीय विद्यालय में हमेशा कर्तव्यहीनता की जाती है और मामले को लेकर लोगों ने कार्रवाई की मांग करते रहे हैं। अब देखना है कि इस मासूम छात्रा की जान लापरवाही बरतने पर जिला प्रशासन एवं झारखंड सरकार जो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को लेकर योजना चलाती है वे इस मामले को लेकर क्या कार्रवाई करते हैं या फिर एक जांच समिति बना कर मामले को रफा दफा कर दिया जाएगा ।

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