झारखण्ड/गुमला -अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा गुमला के तत्वाधान में गुमला उपायुक्त के समक्ष सुखा क्षेत्र घोषित करने के लिए एकदिवसीय सांकेतिक धरना कार्यक्रम सभा के जिला अध्यक्ष आदित्य सिंह की अध्यक्षता में किसान हित के नाम पर भ्रष्टाचार नहीं चलेगा नारे के साथ संपन्न हुई। कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित झारखंड नवनिर्माण दल के केंद्रीय संयोजक विजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के शासन में किसानों की आय के जगह परेशानी दोगुनी हो गई है। यही कारण है कि अन्नदाता किसान अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी सुविधा नहीं दे पा रहे हैं और फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य व अन्य सुविधा नहीं मिलने से बदहाली का दौर से कृषक गुजर रहे हैं। श्री सिंह ने यह भी कहा कि सुखाड़ को देखते हुए अविलंब गुमला सहित झारखंड को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए और पुख्ता सिंचाई का व्यवस्था हो। श्री सिंह ने हेमंत सरकार से भी किसानों के हित के नाम पर मची लूट, भ्रष्टाचार पर जवाब तलब करते हुए कहा कि अन्नदाताओं का शोषण नहीं रुका तो किसान आंदोलन का सामना हेमंत सरकार को भी करना पड़ेगा। श्री सिंह ने महानायक भगत सिंह के जयंती 28 सितंबर 2023 को गुमला में आयोजित जनदावेदारी के लिए बुलाई गई लोहरदगा लोकसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में किसान प्रतिनिधियों से भी सैकड़ो की संख्या में भाग लेने की अपील की है। झारखंड आंदोलनकारी अजीत विश्वकर्मा ने हेमंत सरकार को केंद्र सरकार की तरह ही झांसा देने वाली सरकार बताया । अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के जिला अध्यक्ष आदित्य सिंह ने कहा कि किसानों की सहमति व निगरानी में सिंचाई व्यवस्था के लिए योजना बनाकर योजना चलाई जाए। वहीं भाकपा (माले) रेड स्टार के प्रभारी प्रकाश उरांव ने कहा कि स्थानीय सांसद व विधायक के निकम्मेपन के कारण यहां के किसान व मजदूरों का भरपूर शोषण हो रहा है। धरना के बाद मुख्यमंत्री के नाम गुमला उपायुक्त के माध्यम से गुमला सहित झारखंड को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने, सिंचाई का पुख्ता इंतजाम करने तथा गुमला जिला मे पिछले 50 वर्षों में सिंचाई के लिए बने विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए किस योजना से कितना एकड़ व डिसमिल भूमि सिंचित हो रहा है इसके लिए राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा श्वेत पत्र जारी करने सहित किसान हित से जुड़े कई मांग शामिल है।
धरना कार्यक्रम में झारखंड आंदोलनकारी अजीत विश्वकर्मा, प्रकाश उरांव, मुस्तकीम अंसारी, गोविंद उरांव, सिकंदर उरांव, राधेश्याम सिंह, जितिया बड़ाइक, रीमिस कुजूर, बंधन लोहरा, सोमरा खड़िया, अनूप सिंह, अशोक उरांव, शंकर उरांव, महिला नेत्री पुष्पा उरांव सहित दर्जनों की संख्या में किसान मौजूद थे।
किसानों की आय दोगुनी की जगह परेशानी बढ़ गई है – विजय सिंह
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