Tuesday, October 22, 2024

Chatra Dlsa: एमएसीटी केस पर व्यवहार न्यायालय में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन, प्रधान जिला सत्र न्यायधीश, उपायुक्त व एसपी हुए शामिल

एमएसीटी केस पर व्यवहार न्यायालय में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन, प्रधान जिला सत्र न्यायधीश, उपायुक्त व एसपी हुए शामिल

चतरा। रविवार को झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, रांची के तत्वाधान में एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह के मार्गदर्शन में सचिव प्रज्ञा बाजपेई द्वारा व्यवहार न्यायालय सभागार कक्ष में मोटर वाहन दुर्घटना एवं बीमा क्लेम को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ पीडीजे राकेश कुमार सिंह, उपायुक्त अबू इमरान, पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन, एडीजे प्रथम राजेश कुमार सिंह, एडीजे तृतीय राकेश चंद्रा, जिला बार काउंसिल के अध्यक्ष शक्ति सिंह ने संयुक्त रूप से किया। कार्यशाला में मोटर दुर्घटना में पीड़ित परिवार को ससमय व उचित मुआवजा दिलवाने की प्रक्रिया के प्रावधान और सरलीकरण पर चर्चा हुई। इस अवसर पर पीडीजे ने झारखंड मोटर दुर्घटना कानूनों में वर्ष 2019 में हुए बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा की सड़क दुर्घटना में 30 दिनों के अंदर पुलिस को दुर्घटना से संबंधित कागजात न्यायालय में प्रस्तुत करना है। ऐसा नहीं होने पर कोर्ट को सूचित करना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा की दुर्घटना कभी भी हो सकती है इस लिए बाइक चालक हेलमेट व कार चालक सीट बेल्ट लगा कर चलें। साथ हीं कहीं दुर्घटना होता है तो, आस-पास के लोग पुलिस को सूचित करें। लॉ ऐंड प्रोटेक्शन बन गया है। जिससे किसी घायल को अस्पताल में लाने वाले को पुलिस उससे पूछताछ या गवाही में नाम नहीं डाल सकती हैं। कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक ने कहा की इस साल जिले में अभी तक 25 से भी ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं और जिन लोगों की जानें गई हैं उनमें से अधिकतर अपने परिवार के ब्रेड अर्नर थे और अधिकतर तेज रफ्तार बाइक या वाहन चलाने से दुर्घटनाग्रस्त हुए। जिला बार काउंसिल के अध्यक्ष ने कार्यशाला की तारीफ करते हुए कहा की दुर्घटना मृत परिवार के सदस्य जानकारी के अभाव में दुर्घटना मुआवजा ले नहीं पाते हैं इस लिए इस संदर्भ में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाने पर जोर दिया। कार्यशाला में एडीजे तृतीय राकेश चंद्रा, रिसोर्स पर्सन डीटीओ संतोष कुमार सिंह एवं अधिवक्ता इंदुभूषण कुमार द्वारा वाहन दुघटना दावा वाद से संबंधित मुआवजा के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। वहीं दुसरे सेशन में एडीजे प्रथम राजेश कुमार सिंह, रिसोर्स पर्सन, संतोष कुमार सोरेन एमभीआई, रमेश जायसवाल अधिवक्ता एवं डॉक्टर कुमार उत्तम मेडिकल, ऑफिसर ने वाहन दुर्घटना दावा वाद से संबंधित आने वाली अड़चन को सुदृढ़ करने की जानकारी दी। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्राधिकार के प्रधान लिपिक मोहम्मद नौशाद आलम, कार्यालय स्टेनो धनंजय कुमार, पीएलवी अब्दुल जिलानी, अरविंद कुमार दास, प्रभु कुमार यादव, सुजीत कुमार पाठक, अनिल कुमार, राजेश कुमार एवं सुधीर कुमार मिश्रा ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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