डीजे की शोर, कमजोर दिल वाले, हृदय रोग से पीड़ितों के लिए प्राणघातक, प्रतिबंध का नहीं असर

NewsScale Digital
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इटखोरी(चतरा)। इन दिनों शादी विवाह का सीजन चल रहा है। हर लोगों का सपना होता है कि शादी विवाह में डीजे बजाना है। लेकिन डीजे की शोर रात में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के साथ बिमारों पर भारी पड़ रहा है। इसक लेकर गाईडलाइन भी जारी है पर विभिन्न चौक-चौराहों का निरीक्षण करने वाली पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी को यह सब नजर नहीं आ रहा है। किसी तरह की रोकटोक न होने से देर रात तक बेधड़क डीजे बजते रहते हैं। इन दिनों बड़े पैमाने पर चतरा जिला मुख्यालय से लेकर गांव में शादियां हो रही है। वैवाहिक कार्यक्रम में देर रात तक बजते डीजे के शोर लोगों को परेशान कर रही है। ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर किसी तरह की रोक नहीं लग पाने से लोग परेशान हैं। रात के समय माहौल शांत रहता है, सोचकर जब विद्यार्थी पढ़ाई करने बैठते हैं तब उन्हें डीजे की आवाज परेशान कर देती है। बता दे की इटखोरी व प्रतापपुर थाना क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में चौक-चौराहे पर तेज आवाज में बजने वाले डीजे कमजोर दिल वाले, उम्रदराज व हृदय रोग से पीड़ितों या फिर कम उम्र के बच्चों के लिए प्राणघातक भी बन सकता है। बतादे की भारी-भरकम आवाज और कानफोड़ू संगीत से कुछ समय के लिए तो ऐसा लगता है, जैसे आसपास का माहौल अचानक बदल गया हो। यही कंपन हृदयरोगियों के लिए जानलेवा हो सकती है। जानलेवा शोर के दौरान कंपन का स्तर खतरनाक हो जाता है। दीवारों के कंपन के दौरान मन में भय पैदा होना भी स्वाभाविक है। इस तरह की स्थिति घंटों बनी रहती है। ऐसे में देखना यह है कि पुलिस-प्रशासन इस मामले पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करती है या फिर नहीं.।

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