मयूरहंड (चतरा)। मयूरहंड प्रखंड में लंबे समय से समस्याओं का अंबार लगा हुआ है, लेकिन उनका समाधान अब तक नहीं हो सका है। सरकारी अधिकारी और पदाधिकारी आम जनता की परेशानियों को अनदेखा कर रहे हैं, वहीं जनता की आवाज़ उठाने वाले जनप्रतिनिधि सांसद और विधायक खामोश नज़र आ रहे हैं। सांसद कालिचरण सिंह को चुनाव जीते लगभग दो वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन अब तक मयूरहंड प्रखंड मुख्यालय स्थित नवनिर्मित एफसीआई गोदाम का संचालन शुरू नहीं हो सका है। इस गोदाम के संचालन की मांग दिशा सदस्य सह मुखिया मंजित सिंह ने की थी। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस एफसीआई गोदाम का ऑनलाइन उद्घाटन किया था। इसके बावजूद आज तक इसका संचालन प्रारंभ नहीं हुआ। विभागीय उदासीनता और जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता के कारण लाखों रुपये की लागत से बना यह भवन अब खंडहर में तब्दील होने के कगार पर है।एफसीआई गोदाम के चालू न होने से डीलरों, विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों को एमडीएम खाद्यान्न की आपूर्ति के लिए इटखोरी प्रखंड पर निर्भर रहना पड़ता है। इसका सीधा असर लाभुकों, विद्यार्थियों और मजदूरों पर पड़ रहा है। कमोबेश यही स्थिति कई अन्य क्षेत्रों में भी बनी हुई है कृ जनता की शिकायतें लगातार उठ रही हैं, पर समाधान कहीं दिखाई नहीं दे रहा।
जनता की आवाज नहीं बन पा रहे सांसद-विधायक, समस्याओं का लगा अंबार, समाधान के इंतज़ार में आम जनता
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