अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 2025 के अवसर पर सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज (C3), शिक्षा, एवम् समाज कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वाधान में लोहरदगा जिले के कुरू प्रखंड के मध्य विद्यालय विश्रामगढ़,मध्य विद्यालय जोंजरो,लोहरदगा प्रखंड उच्च विद्यालय बसरी नगड़ा और समुदाय स्तर पर पंचायत भवन जिमा, पंचायत भवन उर्मुरहु, बमंडीहा सरना टोली में विविध जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस वर्ष के इस वर्ष के विषय “The girl I am, the change I lead” के अनुरूप इन आयोजित कार्यक्रमों का उद्देश्य था — समाज में लड़कियों के अधिकारों, समान अवसरों, शिक्षा, सुरक्षा और सशक्तिकरण के प्रति सामूहिक जागरूकता बढ़ाना। कार्यक्रम के तहत विद्यालयों में रैली, स्लोगन, पोस्टर पेंटिंग प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, समूह चर्चा और अरोग्यदूत शिक्षकों के द्वारा विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम के तहत जागरूकता सत्र आयोजित किए गए। समुदाय के स्तर पर ग्राम पंचायत प्रतिनिधि, मुखिया, स्वयं सहायता समूह की महिलाएँ, किशोरियाँ, अभिभावक, पुरुष सदस्य और समुदाय के “किशोर चैंपियंस” ने सक्रिय भागीदारी निभाई। कार्यक्रम के दौरान समुदायिक चर्चा सत्रों में बालिकाओं ने संबंधित स्थानीय समस्याओं एवं चुनौतियों, जैसे बाल विवाह, शिक्षा में रुकावट, सुरक्षा और अवसरों की असमानता पर खुलकर बातचीत की। पंचायत के मुखिया ललिता देवी एवं महेश राम वार्ड सदस्यों ने अपने गाँव एवं पंचायत को छेड़खानी मुक्त, बाल विवाह मुक्त एवं शून्य स्कूल ड्राप आउट बनाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में शामिल किशोर चैंपियंस अपने घर परिवार में बालिकाओं को पढाई एवं कैरियर के समान अवसर दिलवाने का संकल्प लिया। सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज (C3) का यह पहल समाज में यह संदेश देने की दिशा में है कि “लड़कियाँ केवल लाभार्थी नहीं, बल्कि बदलाव की प्रेरक शक्ति हैं एवं सामाजिक बदलाव कि समान भागीदार हैं।
इस अवसर पर मुख्य वक्ताओं ने इस बात पर बल दिया कि बालिकाओं के सशक्तिकरण में समाज के सभी वर्गों—अभिभावकों, शिक्षकों, पुरुषों और स्थानीय नेतृत्वकर्ताओं की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। C3 के फील्ड कोऑर्डिनेटरों और समुदायिक टीमों ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम बालिकाओं में आत्मविश्वास, संवाद कौशल और नेतृत्व की भावना से भरते हैं। साथ ही किशोर लड़कों एवं युवाओं को भी लैंगिक असमानता समाप्त करने में उनके दायित्व का बोध कराते हैं।इस अवसर पर संदेश दिया गया कि हर बालिका का अधिकार है—पढ़ना, आगे बढ़ना और अपने सपनों को साकार करना। समाज को उनकी शक्ति को पहचानना और उन्हें समान अवसर देना होगा। इस कार्यक्रम में 200 बालिकाएँ, 150 किशोर 40 पुरुष एवं 50 महिलाएं ग्रामीण शामिल थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में साथिया, चैंपियंस एवं C3 टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सभी ने सामूहिक संकल्प लिया कि हर बालिका को सुरक्षित माहौल, शिक्षा और आत्म-विकास के अवसर उपलब्ध कराने में वे विशेषकर किशोर एवं पुरुष अपना योगदान देंगे।








