
झारखण्ड/गुमला: गुमला जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव 2019 में झामुमो को गठबंधन से बहुमत हासिल के साथ ही अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट गुमला बिशुनपुर एवं सिसई से झामुमो के तीन विधायक गुमला से भूषण तिर्की सिसई से सुसारण जिग्गा होरो एवं बिशुनपुर सीट से चमरा लिंडा विधानसभा में पहुंचे और सबसे बड़ी बात यह भी रही कि झारखण्ड में गठबंधन की सरकार बनी। यहां बताते चलें कि गुमला जिले में आज भी मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव बना हुआ है ना रेलवे ना ही मेडिकल और ना ही अच्छी स्वास्थ्य चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं और यह सब ठीक करने के लिए अबतक ना तो कोई भी सांसद या विधायक चाहे किसी भी पार्टी से जीते और झारखण्ड की राजधानी या फिर दिल्ली की सरकार को इस जिले में सर्वांगीण विकास के लिए जोर लगाने की जरूरत समझी। विगत विधानसभा चुनाव से ठीक आगामी विधानसभा चुनाव 2024 आ गया है और इस दरम्यान पांच साल तक स्थिर सरकार झामुमो कांग्रेस एवं घटक दलों द्वारा गठबन्धन से चली। यहां बताते चलें कि गुमला जिला पर्यटन स्थल से लेकर माइंस क्षेत्र जिसमें लाल सोना कहा जाने वाला बॉक्साइट माइंस क्षेत्र बिशुनपुर तो पर्यटन स्थल के लिए गुमला एवं सिसई विधानसभा क्षेत्र बालू के साथ ही पर्यटन स्थल के लिए सुविख्यात है। इसके अलावा गुमला जिले में किसानों एवं गांवों के विकास के लिए बड़े-बड़े नहर योजना, चेकडैम,तालाब निर्माण कार्य एवं जलाशय को लेकर करोड़ों अरबों रुपए की योजनाओं का सृजन करने की योजनाओं को लेकर टेंडर प्रक्रिया हुए हैं लेकिन फिर भी गरीब किसान एवं मजदूरों की दशा और दिशा नहीं बदलने में मदद मिली है।
चुनावी मैदान में तरह-तरह के सब्जबाग दिखाकर झारखण्ड की सरकार और केन्द्र सरकार में दिल्ली तक पहुंचने वाले विधायक सांसद सिर्फ अपनी डफ़ली और अपना राग भले ही जप ले गुमला जिला आज भी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहा है। यहां के जनप्रतिनिधियों की छत्रछाया में सिर्फ टेंडर सेंटिंग, अवैध बॉक्साइट उत्खनन में लगे कंपनियां और बालू तस्करों को संरक्षण प्रदान करने एवं जेब गरम करने में ही रूचि रखते हुए कभी भी सक्रिय होकर यहां अल्युमिनियम कारखाना, रेलवे लाइन, मेडिकल कॉलेज, एवं सालों भर किसानों को अपनी खेती-बाड़ी में पानी उपलब्ध कराने को लेकर कोई योजना लाने में फेल हुए हैं। आसन्न विधानसभा चुनाव 2024 में खासकर झारखण्ड का सबसे पिछड़ा हुआ जिला गुमला के तीनों विधानसभा क्षेत्र गुमला बिशुनपुर एवं सिसई में इस बार आम जनता बदलाव के मूड़ में है। ताकि गरीबों किसानों एवं मजदूरों को बेराजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने में रूचि ले मन बना चुके हैं और पांस साल तक टेंडर सेंटिंग,बालू तस्करी, और अवैध तरीके से लाल पत्थरों एवं प्राकृतिक सौंदरत्यता ऊंचे पहाड़ के अवैध उत्खनन को आंख बंद करके नष्ट करने वाले जनप्रतिनिधियों को सबक सिखाया जाएं ताकि उन्हें मालूम पड़े की जनता सब-कुछ समझती है।