न्यूज स्केल संवाददाता
इटखोरी(चतरा)। झारखंड सरकार ने जरूरतमंद गरीबों के लिए अबुआ आवास योजना का शुभारंभ किया है। ताकि गरीब व पात्र व्यक्ति के रहने के लिए पक्का मकान हो, वहीं गरीब भी यहीं उम्मीद लगाए बैठें हैं कि उन्हें रहने के लिए सिर पर पक्की छत मिलेगीं। लेकिन चतरा जिले के इटखोरी प्रखंड अंतर्गत पितीज पंचायत में आज भी गरीब व पात्र व्यक्ति को इस योजना का लाभ नही मिल रहा है। वहीं अमीर, प्रभावशाली लोगों की बल्लें-बल्ले हो रहीं हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार सूची में कुछ ऐसे व्यक्ति का नाम शामिल है, जो बड़े पूंजीपति है, उनके पास लाखो की संपत्ति है। बडे-बडे मकान रहने के बावजूद भी ये बेचारे अब अबुआ आवास का लाभ लेने के लिए गरीब बन गए हैं। मगर गरीब व पात्र व्यक्ति तो अभी भी उक्त योजना का लाभ पाने के लिए धक्के ही खा रहें हैं। ज्ञात हो कि पितीज गांव निवासी केशरी देवी पति विश्वनाथ साव का घर पूरी तरह से कच्चा व जर्जर अवस्था में है। इनका कहना है की मेरा तीन रूम कच्चा मकान है और जर्जर स्थिति में है। वहीं रूबी देवी पति विजय साव, पुष्पा देवी पति व्यासदेव साव का भी कच्चा मकान है।

पुष्पा देवी ने बताया कि मेरा एक बेटा है, वह भी दिव्यांग है, कई बार हम लोग आवास के लिए गुहार लगाए हैं, लेकिन अब तक आवास नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि अबुआ आवास के लिए ऑनलाइन किए हैं, लेकिन अभी तक हमें नहीं मिला है। सिमरवा घोघर निवासी इरा देवी पति गणेश भुइया, शांति देवी पति राजेश भुइया, सविता देवी पति इंद्रदेव भुइया कच्चे जर्जर घर में रहने को मजबूर हैं। वहीं पितीज गांव निवासी स्व. बैनी विश्वकर्मा की पत्नी मसोमात अनिता देवी अपने बच्चों के साथ अपने भैसुर के घर में रहने को मजबूर है। उन्होंने बताया कि मेरा कच्चा घर पूरी तरह से जर्जर हो गया है। सूत्रों की माने तो बिना चढ़ावा के आवास मिलना असंभव है।








