हाथियों के झुंड ने जमकर मचा आतंक, पांच घर को किया क्षतिग्रस्त
टंडवा (चतरा)। टंडवा वन क्षेत्र अंतर्गत गोंदा, नावाटांड, राहम व सराढू के जंगलों में पिछले कई दिनों से लगभग एक दर्जन जंगली हांथियों का झुंड द्वारा डेरा जमाये जाने से सुदूरवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग काफी भयभीत हैं। ग्रामीण जानमाल की सुरक्षा हेतु रतजग्गा करने के लिये विवश हैं। पिछले कुछ दिनों से जंगली हाथियों द्वारा रात में विचरण कर फसलों, पालतू पशुओं समेत कई घरों को क्षतिग्रस्त करने की छिटपुट घटनाएं सामने आई है। वहीं वन विभाग द्वारा बचाव के लिये अपने स्तर से हर संभावित तरीके अपनाये जाने की भी बातें कही जा रही है। 17 जुलाई को रेंजर मुक्ति प्रकाश पन्ना के निर्देश पर देर शाम वनकर्मी कार्तिक पासवान, निर्मल मुंडा, शत्रुघ्न चौबे, विजय कुमार, मनोज दास राहम, गोंदा व नावाटांड पहुंचे एवं ग्रामीणों के बीच पटाखे तथा डीजल-मोबिल देकर उन्हें बचने के लिये आवश्यक सलाह दिये। बताया जाता है कि विभिन्न कोल परियोजनाओं द्वारा तेजी से वनाश्रय नष्ट किये जाने के कारण हाथियों का विचरण रुट काफी प्रभावित हुआ है, जिसका कोपभाजन ग्रामीणों को होना पड़ता है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से शीघ्र समुचित संज्ञान लेने की अपील की है।
हाथियों के झुंड ने जमकर मचा आतंक, पांच घर को किया क्षतिग्रस्त
टंडवा (चतरा)। टंडवा प्रखंड के गांवों में पहुंचकर हाथियों का झुंड़ रात में विचरण कर फसलों, पालतू पशुओं समेत घरों को निशाना बना रहे हैं। बीते रात्रि सराडू के सुइयांटांड पहुंचे हाथियों के झुंड ने सतेस्वर उरांव, बासु उरांव, रामदयाल उरांव, राजेश उरांव व बासे उरांव समेत पांच के घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया है और घर में रखे अनाज तहस नहस कर दिया। साथ ही मकई, धान राहर की फसलों को रौंद दिया। इस बरसात के मौसम में घर क्षतिग्रस्त होने से भुक्तभोगी के समक्ष रहने व खाने पीने की समस्या उत्पन्न हो गई है। मामले की जानकारी मिलते ही जिला परिषद सदस्य सुभाष यादव सुइयां टांड पहुंचे और ग्रामीणों से मिलकर मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने मामले की जानकारी रेंजर मुक्ति प्रकाश पन्ना को दिया और उचित मुआवजे की मांग की। वहीं वन विभाग द्वारा हाथियों के झुंड से बचाव के लिये अपने स्तर से हर संभावित तरीके अपनाये जाने की बातें कही जा रही है।