कुंदा(चतरा)। कुंदा के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीईओ) के खिलाफ सहायक शिक्षकों ने आंदोलन करने का मूड़ बनाया है। सहायक शिक्षकों का आरोप है कि बीईओ द्वारा विद्यालय निरीक्षण के दौरान शिक्षकों से अभद्र व्यवहार किया जाता है व शिक्षकों से मोबाइल छिन कमी निकाल कर आर्थिक शोषण किया जा रहा है। बायोमेट्रिक उपस्थिति बनाने के लिए ट्रेनिंग में रहने व परीक्षा वीक्षण का कार्य करने के बावजूद बिना स्पष्टीकरण मांगे एक से छः दिनों तक का मानदेय मनमानी तरीके से कटौती कर लिया जाता है। साथ हीं प्रतापपुर बीआरसी के आदेशपाल मुकेश कुमार सिंह के द्वारा बीईओ के इशारे पर शिक्षकों से अवैध वसूली की जाती है। इसके साथ ही सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन के नाम मानदेय रोकने का भी आरोप लगाया है। जबकी सहायक शिक्षक संघ के अध्यक्ष रणधीर सिंह ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में लगभग 40 सहायक शिक्षकों का वेतन बायोमेट्रिक ट्रेनिंग में रहने व परीक्षा निरीक्षण का कार्य करने के बावजूद बिना स्पष्टीकरण के कटौती कर ली गई है जो आश्चर्यजनक है। वहीं आरोपों के बाबत बीईओ ने सहायक शिक्षकों द्वारा लगाए गए आरोप को असंवैधानिक बताते हुए उन पर कार्य में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया है। बीईओ का कहना है कि उपस्थिति विवरण के अनुसार सहायक शिक्षकों को मानदेय दिया जाता है। शिक्षकों के द्वारा दिए गए दावे की शुद्धता व वैधता सही नहीं होने की स्थिति में मानदेय काटा जाता है। यदि शिक्षक किसी अन्य विभागीय कार्य में लगे हैं तो उनको स्पष्टीकरण देना अनिवार्य है। वही आगे उन्होंने बताया कि 14 फरवरी 2022 सेवा शर्त नियमावली व 11 आचार संहिता सहायक शिक्षकों के ऊपर अधिरोपित की गई है। जिसका पालन ना करने की स्थिति में उन पर आवश्यक कार्रवाई की जाती है। उन्होंने ने बताया की सहायक शिक्षक के द्वारा घर से बायोमेट्रिक अटेंडेंस बनाना, अटेंडेंस बनाने के बाद विद्यालय से चले जाना व एमडीएम में बच्चों की उपस्थिति फर्जी तरीके से ज्यादा बताया जाता है। अनियमितता में सुधारने करने के लिए कहा जाता है तो सहायक शिक्षक आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि निरीक्षण के दौरान हमने पाया कि उस विद्यालय में लगभग 150 बच्चे नामांकित है जिसमे सिर्फ 30 बच्चे उपस्थित हैं जबकि हमने 1 दिन पहले की उपस्थिति पंजी देखी तो उसमें 130 बच्चों का उपस्थिति बनाया गया।