दर्जनों चापाकल खराब, ग्रामीणों को सताने लगा पेयजल संकट, तपिश की माह अभी बाकी, विभाग अभी से उदासीन

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कुंदा(चतरा)। कुंदा प्रखंड क्षेत्र में गर्मी की शुरुआत में ही विभाग द्वारा लगाए गए दर्जनों चापाकल दम तोड़ दिए हैं। जिससे ग्रामीणों को पीने के पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों को पीने योग्य पानी पाने के लिए लगभग एक किलोमीटर तक दूरी तय करनी पड़ रही है, जिससे उनकी दैनिक गतिविधियां प्रभावित हो रही है। प्रखंड के नवादा पंचायत अंतर्गत सलगी गांव, मरगड्डा पंचायत अंतर्गत बघौता, पिंजनी कुटिल, समेत प्रखंड क्षेत्र में दर्जनों स्थानों पर चापाकल लगभग महीनों से ख़राब पड़ा है। वही विभाग की ओर से इस समस्या के समाधान करने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी तंत्र की उपेक्षा के कारण उन्हें पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने कहा है की इस समस्या के समाधान के लिए कई बार विभाग को सूचना देकर चापाकल को मरम्मत करने को कहा, लेकिन पेयजल विभाग की रवैया उदासीन है। हालांकी ऐसे पानी की समस्या तपिश व तीखी धूप की मार मई-जून महीने में देखने को मिलती है, लेकिन इस बार मार्च में ही पानी की किल्लत शुरू हो गई है। जबकि तपिश की माह की शुरुआत अभी बाकी है। ऐसे में लोगों को पेयजल संकट की चिंता बढ़ गई है। वही इस संदर्भ में संबंधित विभाग के जई से संपर्क करने की कोशिश की गई परंतु उन्होंने अपना फोन नहीं उठाया।