झारखण्ड/गुमला: झारखण्ड विधानसभा चुनाव 2024 का प्रथम चरण का चुनाव संपन्न हो गया है और गांव-गांव जंगल -जंगल सुदूरवर्ती क्षेत्रों से गुमला जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र में मतदान केंद्रों तक पहुंचें वैसे इलाकों से गुजरने पर जहां लाल सलाम की आवाज सुनाई देती थी उसकी जगह जोहार की आवाज सुनाई देती है यही नजारा 13 नवंबर को संपन्न हुए मतदान के दिन दिखाई दे रहा था। चाहे वह कभी अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र कुरूमगढ का इलाका हो या फिर बिशुनपुर एवं सिसई विधानसभा क्षेत्र का नक्सलियों का सेफ जोन की पहाड़ियों को ले लाल सलाम की जगह जब कोई मुलाकात जंगल में हो जाती है तो जोहार शब्दों के साथ ही ग्रामीणों के मुस्कुराते चेहरे सामने पेश होते हैं। लोकतंत्र के महापर्व पर मतदाताओं ने सुदूरवर्ती इलाकों से अपने-अपने मतदान केंद्रों पर ईवीएम का बटन दबाया और अपने बहुमूल्य वोट डाले। उनके उंगलियों पर लगने वाली स्याही को अब छुपाने की जरूरत नहीं होती खुशी-खुशी वे चाहे जिसे भी हो पूछने पर अपने वोट देने का प्रमाण अपने उंगलियों को दिखाकर कि हमने मतदान केंद्रों में निर्भीक होकर मतदान किया इजहार करते हैं। यह माहौल दशकों बाद गुमला जिले में झारखण्ड विधानसभा चुनाव 2024 में देखने को मिला है यह संकेत झारखण्ड के सबसे पिछड़े एवं आदिवासी बहुल जिले के विकास के लिए काफी अच्छा माहौल बनकर तैयार-है यदि झारखण्ड में 2024 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद जो भी सरकार बनती है गुमला जिले की दिशा और तस्वीर के साथ ही यहां के मजदूरों किसानों एवं अनेकों पर्यटन स्थल से लेकर मूलभूत सुविधाओं रेल लाइन कल कारखानों को लेकर यदि रूचि रखते हैं तो गुमला जिले में भी एक नई उर्जा लोगों को मिलेगी।