सिमरिया (एससी) सीट से 4 बार जीती दर्ज कर चुकी है भाजपा, विस्थापन और सिंचाई आज भी बड़ी समस्या

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न्यूज स्केल उप संपादक हिमांशु सिंह
मयूरहंड(चतरा)। झारखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। इंडिया और एनडीए गठबंधन सियासी बिसात पर गोटियां सेट करने में लग गए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दो दिग्गज केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व सरमा को प्रभारी बनाकर झारखंड भेज दिया है। सिमरिया एससी सीट पर 4 बार जीती कर चुकी है भाजपा, बावजूद विस्थापन और सिंचाई आज भी बड़ी क्षेत्र के लिए समस्या बनी हुई है।

2019 में 12 साल बाद टूटा था भाजपा का वनवास

वर्ष 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सिमरिया विधानसभा सीट जीतकर किशुनदास ने भाजपा का 12 वर्षों का वनवास तोड़ा था। इस सीट से उपेंद्रनाथ दास 4 बार विधायक रहे। पहली बार वर्ष 1977 में जीएनपी के टिकट पर जीते थे। इसके बाद 1990, 1995 व 2005 में उपेंद्रनाथ दास भाजपा के विधायक बने। लेकिन उपेंद्रनाथ दास के असमय निधन के बाद हुए उप चुनाव में भाकपा रामचंद्र राम जीत गये थे। इसके बाद हुए दोनों चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा का कब्जा रहा था।

1977 में अस्तित्व में आया था सिमरिया विधानसभा

सिमरिया विधानसभा क्षेत्र 1977 में अस्तित्व में आया था। पहले यह इलाका बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र में ही आता था। यहां से भाजपा चार, कांग्रेस दो, जेवीएम दो और राजद, भाकपा, जीएनपी को एक-एक बार जीत मिली है। सिमरिया विधानसभा क्षेत्र की जनता समय-समय पर अपना प्रतिनिधि तो बदला है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।

विस्थापन और सिंचाई है सिमरिया की सबसे बड़ी समस्या

सिमरिया विधानसभा क्षेत्र की मुख्य समस्या विस्थापन व सिंचाई हैं। सिमरिया विस के टंडवा क्षेत्र के विस्थापित किये गये रैयतों को उनका अधिकार नहीं मिल रहा हैं। कई समस्याओं से रैयत जूझ रहे हैं। इसी तरह सिंचाई का साधन नहीं होने से हजारों एकड़ भूमि परती है। सिंचाई के आभाव में किसान खेती नहीं कर पाते हैं। जबकि अधिकांश लोग कृषि कर अपना जीविकोपार्जन करते हैं।

वर्षों से बंद है प्राथमिक शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय

सिमरिया का प्राथमिक शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय कई वर्षों से बंद पड़ा हैं। महाविद्यालय में प्रशिक्षण प्राप्त कर युवक शिक्षक बनते थे। पर इसे चालू कराने का मुद्दा हमेशा गरम रहा है। इसके लिए यहां कई बार आंदोलन भी हुए। सिमरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सिमरिया, टंडवा, लावालौंग, पत्थलगड़ा, गिद्धौर, इटखोरी व मयूरहंड प्रखंड आते हैं।

जनता की उम्मीद पर खरा उतरे हैंः विधायक

भाजपा विधायक किशुन कुमार दास ने कहा कि चुनाव के वक्त जनता से जो भी वादा किया था, वह पूरा किया। बिजली व सड़क की मांग पूरी की गयी। चोरकारी पावर ग्रिड से पूरे जिले में बिजली बहाल की गयी। विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाया गया है। डीएमएफटी फंड से क्षेत्र में कई विकास कार्य किये गए हैं। 22 प्लस टू स्कूल भवन, चहारदीवारी का निर्माण कराया गया। टंडवा में इंडोर स्टेडियम का निर्माण किया गया। टंडवा व गाड़ीलौंग के लिए 19 करोड़ की पेयजलापूर्ति योजना की प्रक्रिया चल रही है, बहुत जल्द टेंडर किया जायेगा। क्षेत्र के लोगो के सुख-दुख में हमेशा साथ रहा और समस्याओं का समाधान किया।

पांच वर्षों में नहीं हुआ क्षेत्र का विकासः मनोज चंद्रा

वर्ष 2019 के विस चुनाव में दूसरे स्थान पर रहनेवाले मनोज चंद्रा ने कहा कि पांच साल में क्षेत्र का कोई विकास नहीं हुआ। चुनाव के वक्त किया गया वादा आज भी पूरा नहीं हो पाया है। मुआवजा नीति नहीं बनी, जिसके कारण कोल वाहनों के कहर से मौत के गाल में समा रहे लोगों के परिजनों को समुचित मुआवजा नहीं मिल रहा है। बिजली, पानी, सड़क जैसी समस्या आज भी क्षेत्र में बरकरार है। क्षेत्र के विकास को लेकर विधायक द्वारा कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किया गया।