*शहिद संतोष उरांव के परिजन से मनरेगा के कनीय अभियंता ने कूप निर्माण योजना में मापी पुस्तिका बनाने के एवज में 30 हजार रुपए की मांग की* * शहिद के परिजन ने उपायुक्त को हस्तलिखित आवेदन देकर रूबरू कराया – फोन पे एकाउंट से कनीय अभियंता को पैसा ट्रांसफर किया गया है*

0
80

झारखण्ड/गुमला -शहिद संतोष उरांव के परिजन से मनरेगा के कनीय अभियंता हरि उरांव ने मनरेगा कूप योजना में मापी पुस्तिका बनाने को लेकर 30 हजार घुस मांगा। जिसके बाद शहिद के भाई संतराम उरांव ने अपने फोन पे से सीधे कनीय अभियंता हरि उरांव के फोन पे पर 30 हजार ट्रांसफर किया। इस पूरे मामले की जानकारी तब हुई जब संतराम ने शुक्रवार को गुमला उपयुक्त को हस्तलिखित आवेदन देकर इस पूरे घटना से रूबरू कराया। आवेदन में संतराम ने कहा है कि वह सेहल पंचायत के तुरियाडीह गांव का रहने वाला है मेरा पुत्र पवन उरांव के नाम से मनरेगा योजना अंतर्गत बिरसा सर्वधन सिंचाई कूप निर्माण किया गया है जिसका योजना संख्या 6728, प्राकलित राशि 3 लाख 95 हजार 9 सौ 88 रुपया से कूप निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया गया है। लेकिन अभियंता हरि उरांव के द्वारा माफी पुस्तिका नहीं बनाया जा रहा है। कार्य पूर्ण होने के बाद भी हमें मेटेरियल का कोई पैसा नहीं मिला। गांव में लोगों से कर्ज लेकर कूप निर्माण कार्य पूर्ण कराया हूं और कनीय अभियंता हरि उरांव ने मापी पुस्तिका बनाने की एवज में बार-बार पैसा मांगने पर मैंने फोन पर नंबर 6205691155 से कनीय अभियंता हरि उरांव के फोनपे नंबर 7677653587 पर 30 हजार रुपया डाल दिया जिसके बाद भी मापी पुस्तिका नहीं दिया गया जिसके बाद संतराम ने गुमला डीसी को आवेदन दिया।

यहां बता दे की संतोष उरांव के शहीद हुए एक वर्ष भी नहीं हुए हैं और परिजनों को प्रखंड के कनीय अभियंता के द्वारा पैसा को लेकर प्रताड़ित किया जा रहा है। जब संतोष उरांव शहीद हुआ था तब जिला के डीसी, डीडीसी, एसपी, बीडीओ के अलावा कई राजनीतिक पार्टी के नेता गांव पहुंचकर परिजन से मुलाकात कर हर संभव मदद की बात कहे थे पर जस्ट उसका उल्टा हुआ एक छोटा सा कूप निर्माण में शहीद के परिजन से अभियंता हरी उरांव के द्वारा 30 हजार घूस लेना काफी शर्मनाक है।

इस संबंध में बीडियो दिनेश कुमार से पूछने पर उन्होंने कहा उपायुक्त महोदय को आवेदन दिया गया है। उपायुक्त के द्वारा दूरभाष पर मुझे कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

कनीय अभियंता हरि उरांव अपने आवास में एक बड़े चार्ट पेपर पर खुद से एक स्लोगन लिखकर चिपकाए है जैसे ही कोई लाभुक मापी पुस्तिका बनवाने के लिए अभियंता के पास जाते हैं सबसे पहले अभियंता लाभुक को उक्त स्लोगन को पढ़ने के लिए कहता है। स्लोगन में अभियंता ने लिखा है कि मैं करोड़पति हूं, करोड़पति बना मेरा हक है, करोड़पति बनना ही मेरा जीवन का लक्ष्य है, पैसे के लिए मैं जो भी काम करता हूं उसमें मेरा लाभ ही लाभ होता है। साथ ही उसने इंग्लिश में भी कुछ स्लोगन लिखा है उसने लिखा है आई लव मनी, मनी लव्स मी, आई एम ए मनी मैग्नेट अट्रैक्टर मनी इजीली एंड एफर्टलेस यही स्लोगन लिखा है जिसे सबसे पहले लाभुकों को पढ़वाता है जिसके पैसा का बात करता है।