कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत ने पार्टी के गढ लोहरदगा सीट पर भारी बहुमत से विजय की…

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कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत कांग्रेसी किला वापस लाने में कामयाब रहे, लगातार तीसरी सफलता को भाजपा प्रत्याशी समीर उरांव चौथी विजय दिलाने में नाकाम रहे, झामुमो के बागी विधायक चमरा लिंडा को जनता ने मुंहतोड़ जवाब दिया, आनेवाले विधानसभा चुनाव में देनी होगी अग्निपरीक्षा

न्यूज स्केल ब्यूरो
गुमला(झारखंड)। लोकसभा चुनाव 2024 में पंद्रह साल बाद कांग्रेसी गढ़ लोहरदगा लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत ने किला वापस लाने में कामयाब रहे। वहीं भाजपा के सांसद सुदर्शन भगत की तीन बार लगातार विजय पताका को आगे बढ़ाने में भाजपा प्रत्याशी समीर उरांव नाकाम रहे। जबकी ताल ठोंक कर झामुमो कांग्रेस गठबंधन को ठेंगा दिखाते हुए झामुमो के बागी विधायक चमरा लिंडा निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं टिक सके और उनके राजनीतिक समीकरण तार-तार हो गए। आने वाले विधानसभा चुनाव में बिशुनपुर के बागी विधायक चमरा लिंडा की होगी अग्निपरीक्षा आदिवासियों को लेकर सक्रिय और सरना धर्म कोड को लेकर लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे और अपने थोक वोट-बैंक को लेकर आश्वस्त थे लेकिन जनता ने दिया मुंहतोड़ जवाब। यहां बताते चलें कि मतगणना के दसवें चरण में कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत ने भाजपा प्रत्याशी समीर उरांव को करीब एक लाख वोट के अंतर से बढ़त बनाई है और यह भी कि शुरुआत से ही कांग्रेस प्रत्याशी बढ़त बनाएं हुए हैं यहां बताते चलें कि पंद्रह साल बाद फिर से कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले लोकसभा सीट लोहरदगा में पुनः कांग्रेस का किला वापस लाने में कामयाब हो गए हैं सुखदेव भगत जो कांग्रेस कमेटी झारखण्ड के लिए यह अमृत कलश से निकले अमृत से कम नहीं है वहीं दूसरी ओर देखें तो झामुमो बागी विधायक चमरा लिंडा की राजनीतिक कैरियर अंधकार में नजर आ रही है लोहरदगा के भंडरा में चमरा लिंडा ने लोहरदगा संसदीय सीट पर दावेदारी पेश करते हुए जीत का दावा करने लगे थे यहां बताते चलें कि पूर्व में भी चमरा लिंडा ने लोहरदगा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ें थे और कांग्रेस को तीसरे स्थान पर ला खड़ा किया था लेकिन आज चमरा लिंडा बिशुनपुर विधायक ने बागी निर्दलीय प्रत्याशी बनकर चुनावी मैदान में काफी हलचल मचा दी थी लेकिन यह टांय-टांय फिस हो गया।