मासिलोंग में कोल कन्वेयर विवाद को लेकर हुई त्रिपक्षीय वार्ता, भारी गहमागहमी के बाद बनी सहमति

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मासिलोंग में कोल कन्वेयर विवाद को लेकर हुई त्रिपक्षीय वार्ता, भारी गहमागहमी के बाद बनी सहमति

टंडवा(चतरा)। टंडवा प्रखंड क्षेत्र में संचालित सीसीएल की मगध कोल परियोजना से एनटीपीसी कोल कन्वेयर निर्माण विवाद को लेकर प्रखण्ड कार्यालय सभागार में मंगलवार को त्रिपक्षी वार्ता का आयोजन किया गया। जिसमे मुख्य रूप से अपर समाहर्ता पवन मंडल, डीएसपी केदार नाथ राम, सीओ राजेन्द्र कुमार, मगध जीएम नृपेंद्र नाथ मनोज, एनटीपीसी के धीरज गुप्ता, अभिषेक आनंद, जेएमएम नेता मनोज चंद्रा, जिप सदस्य सुभाष यादव, उप प्रमुख जितेंद्र सिंह समेत ग्रामीणों ने भाग लिया। जिसमें ग्रामीणों ने एक स्वर में सभी जमीन पर नौकरी मुआवजा देने की मांग करते हुए ग़ैरमजरूवा भूमि का सत्यापन कराने की मांग की। जिसपर अपर समाहर्ता ने अस्पष्ट कहा कि सरकारी बंदोबस्ती, गैरमजरूवा जमीन पर कमिटी विचार करेगी इसके अलावे अन्य जीएम का सत्यापन किसी भी सूरत में नही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जीएम लैंड पर दावा सरकार का है, उक्त जमीन पर चल रहे कार्य को कोई रोक नही सकता। अपर समाहर्ता के बयान के बाद जेएमएम नेता मनोज चंद्रा ने कड़ा प्रतिकार करते हुए कहा कि रैयतों को अधिकार मिलना चाहिए, नही तो प्रशासन की लाठी से कोई डरने वाला नही है। काफी गहमा गहमी के बाद बन्द कमरे में एसी व अन्य अधिकारियों ने स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ वार्ता किया। वार्ता में मसिलौंग के जिस जमीन पर सेक्शन नाइन लगी है सम्पूर्ण जमीन की जांच एक कमिटी से तीन दिनों के अंदर शुरू कराने, रैयतों के समक्ष जांच मापी व प्रतिवेदन नजरि नक्शा के साथ उपलब्ध कराने, रैयत आपसी पारिवारिक बटवारा वंशावली परियोजना को उपलब्ध कराएंगे जिसके बाद मगध से आर एंड आर पॉलिसी से मिलने वाले लाभ सम्बंधित करवाई किया जाने, परियोजना द्वारा ग्रामीणों के लंबित मामले को एक माह में निष्पादित कर जिला प्रशासन को सूचित करने, जनप्रतिनिधियों द्वारा छोटे मोटे आपसी विवाद का निपटारा करने, असामाजिक तत्वों द्वारा कार्य में बाधा उत्पन्न करने पर चिन्हित कर करवाई करने, रैयतों के सभी समस्याओं का निपटारा प्राथमिकता के आधार पर करने, स्थानीय लोगो को रोजगार में प्राथमिकता देने आदि पर सहमति बनी। मौके पर मुखिया विश्वजीत उरांव, सरबजीत उरांव, रामकुमार टाना भगत, जागेश्वर दास समेत भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।