न्यूज स्केल संवाददाता
चतरा। जिला खनिज निधि सह प्रशिक्षण भवन में शनिवार को अबुआ बीर दिशोम अभियान 2023 के तहत उपायुक्त रमेश घोलप की अध्यक्षता में वन अधिकार अधिनियम 2006 से संबंधित कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें सर्वप्रथम अतिथियों को पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। तत्पश्चात दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। उपायुक्त ने अपने संबोधन में सभी का आभार व्यवक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री झारखण्ड सरकार का महत्वकांक्षी अभियान अबुआ बीर अबुआ दिशोम अभियान है। जंगल में रहने वाले जो वन पर निर्भर हैं, जो लोग हकदार है, जानकारी के अभाव में वनपट्टा से वंचित रह जाते हैं। सभी लोगों को वनपट्टा अधिनियम 2006 से संबंधित जानकारी रहे इस उद्देश्य से कार्यशालय का आयोजन किया गया है। अधिकारियों को उन्होने कहा वनाधिकार पट्टा में अभियान चलाकर दावों की प्राप्ति एवं निष्पादन करें। वहीं राजस्व एवं वन विभाग के पदाधिकारी को अबुआ बीर दिशोम अभियान की सफलता के लिए ग्राम सभा/ग्राम वनाधिकार समितियों को सहयोग करने को कहा। बताया गया कि अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006, नियम 2008 व नियम 2012, को संक्षिप्त मेंवन अधिकार कानून, 2006 (वन अधिकार अधिनियम-एफआरए, 2006) कहते हैं। यह कानून पूरे देश में हर प्रकार की वन भूमि पर लागू होता है। ग्रामसभा या ग्रामसभा समूहों को वन संबंधित उनके पारम्परिक रूप से उपभोग करते आ रहे सामुदायिक अधिकार और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार मान्य करना शामिल है। वन में निवास करनेवाली अनुसूचित जनजाति वन में निवास करने वाले और प्राथमिक रूप से आजीविका के लिए वन भूमि पर निर्भर अनुसूचित जनजाति श्रेणी के सदस्य जो 13 दिसम्बर 2005 से पहले से प्राथमिक रूप से वन भूमि पर निवास करते हों और अपनी आजीविका की वास्तविक जरूरतों के लिए वन या वन भूमि पर निर्भर हों। अनुसूचित जनजाति श्रेणी को छोड़कर अन्य सभी श्रेणी के सदस्य या समुदाय जो 13 दिसम्बर 2005 से पूर्व कम से कम तीन पीढ़ी (75 वर्ष) से प्राथमिक रूप से वन भूमि पर निवास (भीतर या बाहर) करते आ रहे हों और अपनी आजीविका की वास्तविक जरूरतों के लिए वन या वन भूमि पर निर्भर हैं। जमीन का कब्जा सिर्फ 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व का होना चाहिए। कार्यक्रम में डीएफओ उत्तरी राहुल मीणा, दक्षिणी मुकेश कुमार, अप समाहर्ता अरविन्द कुमार, एसडीओ चतरा सुरेन्द्र उरांव, एसडीओ सिमरिया सन्नी राज, स्टेट रिसोर्स पर्सन एफआरए मनोहर चौहान, पीपीआईए फेलोस दीपक शर्मा, प्रकाश राणा, राजस्व, वन विभाग, कल्याण विभाग के पदाधिकारी, ग्रामसभा, ग्राम वनाधिकार समिति के सदस्य, बीर बंधु समेत अन्य उपस्थित थे।