
न्यूज स्केल डेस्क
रांची। मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना पर रोक लगाने की मांग वाली जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने इस योजना पर रोक लगाने से इनकार करते हुए याचिका को निष्पादित कर दिया। इस संबंध में सिमडेगा निवासी विष्णु साहू ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसमें कहा गया था कि एक दो माह में झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 होना है। सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के अनुसार, राज्य सरकार किसी व्यक्ति विशेष को सीधे एकाउंट के माध्यम से पैसे नहीं दे सकती है, क्योंकि जनता के टैक्स के पैसे से ही सरकार चलती है।
यह भी कहा गया है कि चार माह से वृद्धा पेंशन, विकलांग पेंशन जैसी पेंशन की योजनाएं नहीं चल रही हैं। विधानसभा चुनाव में वोटरों को प्रभावित करने के लिए यह योजना शुरू की गई है। सुनवाई के बाद अदालत ने प्रार्थी की दलील को अस्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दी।
हाई कोर्ट के इंकार के बाद हेमंत सोरेन ने कहा राज्य की मंइयां की हुई जीत हुई
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य में मंइयां सम्मान योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका के खारिज होने के बाद हेमंत सोरेन ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि राज्य की मंइयां जीत गई। तानाशाह हार गया, लेकिन लड़ाई जारी है। मंइयां के खिलाफ अब ये सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, लेकिन मैं आपका भाई, आपका बेटा वहां भी इन्हें हराएगा।
उक्त मामले को लेकर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को इंटरनेट मीडिया पर तंज कसा और एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा गया कि एक तरफ हमने मंइयां के चार किस्तें 57 लाख बहनों के खातों में भेज दी है। वहीं, भाजपा मंइयां सम्मान बंद करवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। अजब बेशर्मी है।