भाजपाइयों का अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी दूसरे दिन भी रहा जारी, आंदोलन के आगाज व अंजाम पर भी चर्चा जोरों पर

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न्यूज स्केल संवाददाता
टंडवा (चतरा)। टंडवा प्रखंड मुख्यालय में भाजपाइयों के अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी का व्यापक असर कोल डिस्पैच में पड़ा है। रविवार को प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न सड़कों पर कोल वाहनों का परिचालन ठप होने से जहां-तहां खड़े दिखाई दिये वाहन। 29 जून से प्रारंभ आर्थिक नाकेबंदी रविवार को दुसरे दिन भी जारी रहा और सीओ विजय दास आंदोलन स्थल पर पहुंचकर विधायक से मांगो पर बात कही। आमजनों के बहुप्रतीक्षित एनटीपीसी परियोजना से निर्बाध बिजली आपूर्ति व कोल वाहनों से सड़क दुर्घटनाओं पर ठोस नियंत्रण हेतु स्थाई नो इंट्री की मांगों को आंदोलन का मुख्य आधार बनाया गया है। जबकि बहुतायत लोग आंदोलन की सफलता को लेकर अब भी काफी सशंकित दिखाई दे रहे हैं, जिसकी मुख्य वजह रेत के महल की भांति पूर्व के बिखरे कई अनिर्णायक आंदोलनों की दास्तान को माना जाता है। लोगों द्वारा दिलचस्प सवाल ये भी पूछा जा रहा है कि आखिर केंद्राधीन परियोजनाओं की मनमानी तथा वर्षों से व्याप्त असंतोष को पिछले एक दशक से केंद्र की सत्तारुढ़ पार्टी व उसके नेता अबतक मूकदर्शी होकर क्यों देखते रहे हैं। ऐसे में स्थानीय बीजेपी नेताओं के बगावती तेवर सीसीएल व एनटीपीसी जैसे केंद्रीय कंपनी व उनको संरक्षण देनी वाली उनके केंद्रीय नेतृत्व पर हीं दिख रहा है। जिसके पीछे लोग गहरा रहस्य छिपे होने की बातें कह रहे हैं। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो एनटीपीसी अपने इंधन के लिए लगभग एक सप्ताह तक का कोल स्टॉक कर चुकी है, तभी तक ये आंदोलन टिकेगा। वहीं बिजली की मांग को लेकर पांच साल पहले टंडवा में मई 2017 को हुवा जोरदार आंदोलन की लोग अब भी चर्चा करते हैं, जो ताश की पत्तों की तरह लंबे अरसे तक अनिर्णायक बिखरा रहा। हालांकी जो भी हो पर भाजपा के इस आंदोलन को लोगों का भी समर्थन मिला है।