आदिवासियों के हितों को लेकर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस झामुमो गठबंधन से बगावत निर्दलीय प्रत्याशी चमरा लिंडा को कम आंकना कांग्रेस की होगी बड़ी भूल

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न्यूज स्केल संवाददाता
गुमला(झारखण्ड)। झामुमो के बागी एवं कद्दावर विधायक चमरा लिंडा का चुनावी मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी होना आगामी झारखण्ड विधानसभा चुनाव में भी झामुमो-कांग्रेस के लिए नये राजनीतिक समीकरण बदल कर रख देगा। यहां बताते चलें कि सिर्फ बिशुनपुर विधायक समझने वाले राजनेताओं की यह सबसे बड़ी भूल होगी की यह निर्दलीय प्रत्याशी सह बिशुनपुर विधायक चमरा लिंडा ने साफ कर देते हुए कहा है कि वे समाजिक स्तर से या फिर राजनीतिक रूप से सरना कोड मिले एवं जल जंगल जमीन आदिवासी समाज की सभ्यता संस्कृति को बढ़ावा देने एवं बचाने के लिए कृतसंकल्प हैं। यहां बताते चलें की लोकसभा चुनाव 2024 में लोहरदगा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का मतदान के बाद 4 जून को आने वाले चुनाव परिणाम भी झारखण्ड में आदिवासियों की सबसे बड़ी पार्टी झामुमो के सामने आनेवाले विधानसभा चुनाव में एक नया राजनीतिक दल सामने आने की प्रबल संभावना बन रही है यह सोचने वाले कि बिशुनपुर विधायक चमरा लिंडा वोट-बैंक को इधर-उधर करने के लिए चुनावी मैदान में हैं यह उनकी सबसे बड़ी भूल है यहां बताते चलें कि विगत विधानसभा चुनाव में झामुमो को सीट इजाफा कराने में कद्दावर विधायक चमरा लिंडा ने अनेक विधानसभा क्षेत्र में भी काफी अहम भूमिका निभाई थी तन-मन-धन से भी और कार्यकर्ताओं की मेहनत से बिशुनपुर सिसई एवं गुमला में झामुमो की जीत का श्रेय सिर्फ चमरा लिंडा कद्दावर नेता सह विधायक को जाता है यह लोगों का मानना है और यह उनसे चुनाव में सहयोग लेने वाले झामुमो विधायक।