बनारी फारेस्ट चेकपोस्ट में बिना फारेस्ट परमिट के बॉक्साइट खनिज की ढुलाई करते एक ट्रक पकड़ाया

0
76

बिना फारेस्ट परमिट के खनिजों की ढुलाई पर वन विभाग सख्त

गुमला। लोहरदगा गुमला वन क्षेत्र अंतर्गत अवैध रूप से बिना फारेस्ट परमिट के खनिजो के परिवहन को लेकर वन विभाग सक्रिय रूप से कार्रवाई में जुट गई है। इसके तहत दो दिन पूर्व लोहरदगा वन क्षेत्र अंतर्गत वन विभाग के बनारी चेकपोस्ट पर बिना फारेस्ट परमिट के खनिज का परिवहन करते एक बॉक्साइट ट्रक नम्बर जेएच 05 एएन 5485 को वन विभाग ने जब्त किया है। जब्त किए गए ट्रक में बीएन महेंद्रू अमतिपानी का चालान थी जिसमें लगभग 12.450 एमटी बॉक्साइट लोड थी। यह गाड़ी लोहरदगा कुजरा साइडिंग में अनलोड होने जा रही थी। वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि बिना फारेस्ट परमिट के बॉक्साइट ट्रक का परिचालन की गुप्त सूचना मिली थी। जिसपर कार्रवाई करते हुए एक ट्रक को पकड़ा गया है। पकड़े गए ट्रक में बॉक्साइट लोड था। जबकि इस गाड़ी में फारेस्ट परमिट नही थी। इसलिए इस गाड़ी को जब्त किया गया है। इस गाड़ी से भारतीय वन अधिनियम 1927,( बिहार संशोधन 1989) की धारा 42 के अंतर्गत बॉक्साइट परिवहन किया जा रहा था वो अवैध था। इसपर वन अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई किया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार वन क्षेत्र से गुजरने वाले वाहनों को विशेष अनुज्ञप्ति अर्थात फारेस्ट परमिट होना जरुरी है। लेकिन कई वाहन जो खनिज का परिवहन बिना फारेस्ट परमिट के ही करते आ रहे हैं। इसकी सूचना लोहरदगा डीएफओ अभिषेक कुमार को मिली। जिसको लेकर डीएफओ ने वन क्षेत्र से गुजरने वाले सभी वाहनों की फारेस्ट परमिट जांच करने का आदेश जारी किया।
इस आदेश के बाद वन विभाग की टीम सक्रिय हो गई और गाड़ियों से फारेस्ट परमिट की जांच शुरू कर दी है। बता दें कि वन क्षेत्र से गुजरने वाले वाहनों की जांच के लिए बकायदा चेकपोस्ट बनाए गए हैं। वाहनों को अपने से माल की ढुलाई से पूर्व ही वन विभाग से ट्रांजिट परमिट लेना अनिवार्य होता है । यह परमिट एक साल के लिए वैध होता है। जिसमे वाहनों के परिचालन का रूट लिखा हुआ होता है। इस परमिट के मद में शुल्क जमा करना होता है। परमिट वन प्रमंडल पदाधिकारी (डीएफओ) और इसके समतुल्य पदाधिकारी के स्तर से जारी किया जाता है। हर वाहन के लिए अलग-अलग परिवहन अनुज्ञा पत्र निर्गत किया जाता है।