
प्रतिदिन बढ रही सडक दुर्घटनाएं, सरकार , प्रशासन व आम जन को मिलकर रोकथाम करने की आवश्यकता
न्यूज स्केल संवाददाता
प्रतापपुर (चतरा)। दिन प्रतिदिन शहर से लेकर गांव तक सडक बढ़ती जा रही दुर्घटनाएं लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। इन सड़क दुर्घटनाओं में बडी संख्या में लोग असमय काल के गाल मे समा रहे हैं। इसमें युवा पिढी की संख्या अधिक है। चुकि वाहन चालक अधिक युवा हीं होते हैं। जबकि युवा ही हमारे देश की रीढ भी हैं, सडक दुर्घटना के रोकथाम के लिए सरकार द्वारा नियम, कानून तो बना दिए गये हैं, परन्तु इसका पालन नही होना सड़क दुर्घटना का पहला कारण साबित हो रहा है। वाहन चलाने के दौरान लापरवाही तथा तेज गति से भी लोगों को क्षति हो रही है। दुसरी ओर प्रशासन यातायात नियमों के अनुपालन सख्ती से करवाने में विफल रही है। नाबालिग बच्चे बेखौफ दो पहिया, चार पहिया वाहन लेकर उड रहे हैं, यातायात नियमों से अनभिज्ञ उन्हें न अपनी जान की परवाह है न औरों की। ऐसे में न तो घर में रोकटोक करने वाले अविभावक हैं, न ही किसी चौक-चौराहे पर सख्ती से जांच करने वाले। दुसरी ओर जांच के नाम पर सिर्फ चलान काट कर खानापूर्ति की जा रही है। अश्चर्य की बात यह है कि नाबालीग वाहन चलाते हैं पर पकड़े नही जाते। जिला परिवहन विभाग इस ओर ना ही जागरुक्ता अभियान चला रही है और ना ही मामलें पर संज्ञान ले रही है। यही कारण है कि जब तक उन्हें नियमो की जानकारी होता दुर्घटना को अंजाम दे देते हैं। सरकार शहर से लेकर गां तक सडकें तो दुरूस्त कर दी, पर हमारी बुद्धि दुरूस्त नही हो सकी है। बगैर हेल्मेट के दो पहिया वाहन, बगैर सीट बेल्ट के चार पहिया वाहन चलाना शान समझते हैं। बिना ड्राईवरी लाईसेंस के युवक ट्रैक्टर पर तेज आवाज में भोजपुरी गाना बजाते तो हर गल्ली मुहल्ले के सडकों पर मिल ही जायेंगे। वहीं प्रतिदिन हाईवा द्वारा हो रही सडक दुर्घटना कोई नई बात नही है। ऐसे में बढती सडक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आमजन में जागरूकता फैलाने के साथ सख्ती का भी प्रयोग करना होगा।