
न्यूज स्केल संवाददात
चतरा। विधानसभा चुनाव 2024 के पहले चरण का चुनाव में ही चतरा जिले के चतरा व सिमरिया विधानसभा क्षेत्र में 13 नवंबर को ही चुनाव खत्म हो चुका है। लेकिन अभी भी क्षेत्र में चुनाव को लेकर चर्चा और चकल्लस का दौर जारी है। दोनो विधानसभा क्षेत्र में मतदान के बाद अब जीत-हार के कयास लगने शुरू हो गये हैं और इसके साथ ही प्रत्याशियों पर दांव भी लगने लगे हैं। चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार व राजनीतिक दल अपने समर्थकों से क्षेत्रवार मतदान व वोटों के आंकड़ों को जुटाने में लग गये हैं। तो कहीं धोखे व पाला बदलने की भी खबरें सामने आ रही है। होटल, पान दुकान, सार्वजनिक चौक- चौराहों, चाय की दुकानें में अब पार्टियों के कार्यकर्ता के साथ-साथ चुनाव में दिलचस्पी रखने वाले लोग भी अपने-अपने आंकड़े बताकर जीत का दावा-प्रतिदावा कर रहे हैं। जीत-हार के दावों के बीच अब कोई शर्त लगाने की भी चुनौती दे रहा है। एक ओर इंडिया गठबंधन के समर्थक जीत के आंकड़े गिना रहे हैं तो दूसरी ओर एनडीए के समर्थक केंद्र सरकार की योजनाओं के बल पर जीत के लिए आश्वस्त हैं। चतरा विधानसभा के एनडभ्ए के लोजपा के जीत के कयास लगाये जा रहे हैं। हालांकि मुकाबला महागठबंधन से राजद प्रत्याशी का आमने सामने हो जाने की बात कही जा रही है। वहीं सिमरिया में महागठबंधन के जेएमएम प्रत्याशी मनोज कुमार चंद्रा के जीत के कयास लगाये जा रहे हैं। जबकी एनडीए से भाजपा प्रत्याशी के समर्थक भी जीत के दावे कर रहे हैं। मतदान के तीसरे दिन हालांकि सभी की जुबां पर चुनाव की चर्चा है। कौन जीतेगा, कौन हारेगा और कौन रहेगा दूसरे नंबर पर, किसका दबदबा रहेगा तथा जीत-हार में कितना अंतर होगा। राज्य में किसकी सरकार बनेगी तथा किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी, इस पर भी सटोरिए मोल-भाव कर रहे हैं। 13 नवंबर को शांतिपूर्ण संपन्न हुए चुनाव के बाद अब सभी के जुबान में हार-जीत की समीक्षा का दौर तेजी से शुरू हो गया है। वहीं राजनीतिक पंडित भी अपना गुणा-भाग कर चुनावों के परिणाम निकालने लगे हैं और जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, इस पर भी हर घंटे लोगों के दावे बदलने लगे हैं। दूसरी ओर मतदाताओं की चुप्पी ने भी प्रत्याशियों व राजनीतिक दलों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। जीत व हार के मंथन के बीच दावों को लेकर लोगों की तकरारें भी बढ़ गयी है और बातों ही बातों में लोगों के सुर भी तेज होते जा रहे हैं। जीत पर अड़े रहने के कारण दावे को लेकर तल्खियां भी बढ़ गयी है। इस बार विधानसभा चुनाव में मतदान से राजनीतिक गलियारों की चर्चाएं तो गर्म है हीं, वहीं जोड़-घटाओ लगाने वाले राजनीतिक पंडित भी पेशो पेश में हैं। हालांकि राजनीति का यह ऊंट किस करवट बैठेगा, यह तो 23 नवंबर 2024 को ही पता चलेगा।