धर्मगुरुओं ने संभाली बाल विवाह रोकथाम की कमान, संस्थान ने चलाया जागरुकता अभियान

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सिमरिया (चतरा)। जिले में बाल अधिकारों की सुरक्षा और बाल विवाह रोकथाम के लिए कार्यरत स्वंयसेवी सांस्था लोहरदगा ग्राम स्वराज्य संस्थान ने बाल विवाहों के रोकथाम के लिए धर्मगुरुओं के बीच चलाया जागरूकता अभियान बुधवार को चलाया। इस अवसर पर जिला समन्वयक विकाश कुमार गुप्ता ने कहा कि धर्मगुरुओं से मिला सहयोग व समर्थन अभिभूत करने वाला है। बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश में सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) के चतरा में सहयोगी संस्था लोहरदगा ग्राम स्वराज्य संस्थान की ओर से अक्षय तृतीया और शादी-ब्याह के मौसम को देखते हुए बाल विवाह रोकथाम के लिए विभिन्न धर्मों के विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहितों के बीच चलाए जा रहे जागरूकता अभियान को व्यापक सफलता मिली है और सभी धर्मगुरुओं ने इसकी सराहना करते हुए समर्थन में हाथ बढ़ाया है। कोई भी बाल विवाह किसी पंडित, मौलवी या पादरी जैसे पुरोहित के बिना संपन्न नहीं हो सकता, हमने उन्हें बाल विवाह के खिलाफ अभियान से जोड़ने का फैसला किया है। गौरतलब है कि जेआरसी 2030 तक देश से बाल विवाह खत्म करने के मकसद से चाइल्ड मैरिज फ्री इंडिया कैम्पेन चला रही है। जेआरसी कानूनी हस्तक्षेपों के जरिए बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश के 416 जिलों में जमीन पर काम करने वाले 250 से भी ज्यादा नागरिक संगठनों का नेटवर्क है। जिसने पिछले वर्षों में दो लाख से ज्यादा बाल विवाह रुकवाए हैं और पांच करोड़ से ज्यादा लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई है। लोहरदगा ग्राम स्वराज्य संस्थान ने स्थानीय प्रशासन के सहयोग व समन्वय से कानूनी हस्तक्षेपों और परिवारों एवं समुदायों को समझा-बुझा कर अकेले 2023-24 में ही जिले में बाल विवाह रुकवाए हैं।