मयूरहंड (चतरा): मयूरहंड अंचल क्षेत्र के मंझगावा पंचायत के बाराडीह गांव निवासी रुक्मिणी देवी और गुड़िया देवी के जमीन पर अखिलेश दांगी और पिंटू दांगी पिता स्व. तापेश्वर दांगी द्वारा किए गए जबरन कब्जे को अनुमंडल दंडाधिकारी के आदेश से बुधवार को मुक्त कराया गया। मिली जानकारी के अनुसार 15 जुलाई 2022 को प्रभारी अंचलाधिकारी साकेत कुमार सिन्हा के नेतृत्व में इंस्पेक्टर शिवप्रकाश कुमार और एसआई अनिरुद्ध सिंह की उपस्थिति में जबरन कब्जा प्लॉट पर पहुंचकर अवैध रूप से निर्मित मुर्गी-फॉर्म को जेसीबी मशीन से जमींदोज कर कब्जा मुक्त करा लिया गया था। उक्त भूमि में रुक्मिणी देवी के 0.40, और गुड़िया देवी के 0.28 एकड़ भूमि पर गांव के ही अखिलेश दांगी और पिंटू दांगी पिता तापेश्वर दांगी द्वारा जबरन कब्जा कर घर, मुर्गी फार्म बना और शेष जमीन पर खेतीबारी किया जा रहा था। जिसे मुक्त कराने के लिए दोनों महिलाएं लगभग सात वर्षों से अंचल और जिला में विभागीय अधिकारियों के समक्ष न्याय की गुहार लगा रही थीं। दोनों महिलाएं अंचल कार्यालय मयूरहंड में 19 अगस्त और 7 सितंबर को आमरण-अनशन पर भी बैठी थी। वहीं पूर्व में जमींदोज किए गए मुर्गी फॉर्म के मलबे को दबंग सहोदर भाइयों द्वारा हटाया नहीं जा रहा था, जबकि अंचलाधिकारी से दोनों ने स्वयं मलबा हटा लेने का आश्वासन दिया था। लेकिन 8 महीने बीत जाने के बाद भी जमीन खाली नहीं किया गया तो प्रभारी अंचलाधिकारी, अंचल निरीक्षक, हल्का कर्मचारी, अमीन व थाना प्रभारी अतिरिक्त जिला-पुलिस बल के उपस्थिति में जुलाई 2022 में जमींदोज किए गए मुर्गी-फॉर्म के मलवे को जेसीबी मशीन से हटाकर सात वर्षों से चले आ रहे भूमि-विवाद का पटाक्षेप किया गया।