जन्मजात हृदय रोग निवारण हेतु “नन्हा सा दिल” कार्यक्रम प्रस्तावित

0
291

रामगढ़ 08 मार्च: झारखंड सरकार, रामगढ़ जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में श्री सत्य साईं संजीवनी संस्थान द्वारा नन्हा सा दिल कार्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया है। इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों की निःशुल्क स्क्रीनिंग एवं उपचार सुनिश्चित करना है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सिविल सर्जन को सौंपा गया प्रस्ताव

विश्व महिला दिवस के अवसर पर संस्थान के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर गौरव दत्ता ने रामगढ़ की सिविल सर्जन महालक्ष्मी को इस कार्यक्रम का प्रस्ताव सौंपा। इस दौरान उन्होंने महिला सशक्तिकरण और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी सरकारी योजनाओं के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि महिलाओं की भागीदारी समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह कार्यक्रम श्री सत्य साईं संजीवनी संस्थान, सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड (CCL) के सहयोग से, झारखंड सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग के समन्वय में रामगढ़ जिले में “नन्हा सा दिल” कार्यक्रम** शुरू करने हेतु प्रतिबद्ध है। इस कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) एवं सदर अस्पतालों में बच्चों की व्यापक स्तर पर निःशुल्क जांच की जाएगी। यह अभियान पूरे जिले के प्रत्येक गांव तक पहुंचेगा, जिसमें सरकारी स्वास्थ्य टीम राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के तहत माइक्रो-प्लानिंग के माध्यम से कार्य करेगी।

अब तक झारखंड के 2000 से अधिक बच्चों की हो चुकी है निःशुल्क सर्जरी  

श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों और मातृ एवं शिशु देखभाल के लिए पूर्णतः निःशुल्क चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है। अब तक, इन केंद्रों में झारखंड के करीब 2,000 बच्चों की जन्मजात हृदय रोग से संबंधित निःशुल्क सर्जरी की जा चुकी है।

संदिग्ध बच्चों की होगी व्यापक स्क्रीनिंग

स्क्रीनिंग के दौरान जिन बच्चों में हृदय रोग के लक्षण संदिग्ध पाए जाएंगे, उनका “ईको-कार्डियक टेस्ट” कराया जाएगा। यदि रोग की पुष्टि होती है, तो ऐसे बच्चों का श्री सत्य साईं संजीवनी संस्थान में निःशुल्क ऑपरेशन एवं उपचार किया जाएगा। यह सेवा पूर्णतः निःशुल्क होगी, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को राहत मिलेगी।

सिविल सर्जन ने की इस प्रयास की सराहना

सिविल सर्जन श्रीमती महालक्ष्मी ने इस पहल को जिले के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे न केवल जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को समय रहते जीवनरक्षक उपचार भी मिल सकेगा। उन्होंने आशा जताई कि यह कार्यक्रम जल्द से जल्द लागू होगा, जिससे अधिक से अधिक बच्चों की पहचान कर उन्हें आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान की जा सके।

बच्चों के लिए जीवनदायिनी पहल

नन्हा सा दिल” कार्यक्रम रामगढ़ जिले में जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को एक नया जीवन देने में अहम भूमिका निभाएगा।