परियोजना के विस्तार को लेकर ग्रामीणों ने जताया विरोध, जमकर की नारेबाजी

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विरोध में बैठक के दौरान मौजूद लोग

परियोजना से विस्थापित क्षेत्र के परिवारों ने धूल-धूंआ और सड़कों में कोल वाहनों से कुचलकर हो रहे अकाल मौत पर अपने मानवाधिकारों की रक्षा के लिये संबंधित विभाग व अधिकारियों से लगा रहे हैं गुहार

टंडवा (चतरा)। आम्रपाली कोल परियोजना विस्तार को लेकर 7 मार्च को प्रस्तावित लोक जनसुनवाई कार्यक्रम का ग्रामीणों ने तीखा विरोध करते हुवे रविवार को बैठक कर बहिष्कार कर दिया। इस दौरान आम्रपाली जीएम जीएम होश में आओ, अवैध वसूली नहीं चलेगी, फर्जी एनओसी लेना बंद करो के नारे लगाए। बैठक की अध्यक्षता मुखिया पति गोपाल महतो तथा संचालन पंचायत समिति सदस्य राजेश चौधरी ने की। वहीं ग्रामीणों ने आम्रपाली परियोजना प्रबंधन पर गुमराह कर फर्जीवाड़ा व शोषण करने के गंभीर आरोप लगाये। रैयतों ने आम्रपाली परियोजना खुले 11 वर्ष बाद भी मूलभूत सुविधाओं का विकास,रोजी- रोजगार, नौकरी और मुआवजा में मशक्कत और धांधली किये जाने की बातें कही।

ग्रामीणों की मानें तो प्रवासी यहां मालामाल हो रहे हैं जबकि स्थानीय दर दर की ठोकरें खाने के लिए विवश हैं। ग्रामीणों ने एक स्वर में एनओसी नहीं देने पर सहमति जताते हुवे उनके द्वारा आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है। इस बावत उपायुक्त चतरा को सभी मामलों से अवगत कराते हुवे पत्र सौंपने का निर्णय लिया गया।सुनील कुमार ने कहा कि आम्रपाली प्रबंधन स्थानीयों को रोजी- रोजगार से वंचित रखा है। देशहित में कोल उत्पादन के लिए पैतृक भू- संपदा, रोजी- रोजगार, चौन और सुकून को गंवाकर अब ग्रामीण खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं जबकि यहां अवैध वसूली चरम पर है। संलिप्त अधिकारी सिर्फ अपना हित साधने में लगे हैं। मौजूद लोगों ने कहा कि रेलवे लाइन निर्माण के लिए हुवे फर्जी अनापत्ति मामले की जबतक उच्चस्तरीय जांच व दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होती है तब परियोजना का विरोध जारी रहेगा। ग्रामीण अपने जिंदगी और पीढ़ियों के भविष्य को लेकर चिंतित है जिसपर समुचित पहल हेतु प्रशासनिक अधिकारियों व दिल्ली दरबार वाले जनप्रतिनिधियों से सहयोग करने की मांग कर रहे हैं। इस मौके पर मिथुन यादव,कुंदन पासवान,गंगा उरांव,सुनील भुईयां, बिनोद भुईयां, रामलाल उरांव,अमर यादव, जयराम उरांव, राजेन्द्र उरांव,अजय पासवान, प्रदीप यादव समेत कई लोग मौजूद थे।