लोहरदगा।
करमा पूजा पूर्व संध्या महोत्सव धूमधाम के साथ ग्रेटर त्रिवेणी पब्लिक स्कूल में मनाया गया । इस अवसर पर सर्वप्रथम करम देवता की पूजा- अर्चना और प्रार्थना के साथ नाच- गान का भव्य आयोजन किया गया जहां विद्यालय के सभी छात्र एवं शिक्षक/ शिक्षिकाओं ने नाचते- गाते हुए पर्व का आनंद उठाया। विद्यालय के शिक्षक रामचंद्र गिरि ने करम पूजा और आदिवासी संस्कृति पर विशेष व्याख्यान देते हुए कहा कि आदिवासी संस्कृति बहुत पुरातन संस्कृति है। यह द्रविड़ समुदाय और प्रोटो ऑस्ट्रिया जनजाति से संबंध रखता है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के भगवान महादेव (शिव) हैं जिन्हें धर्मेश कहा जाता है और आदिशक्ति हीं वनदेवी चाला आयो हैं। रामचंद्र गिरि ने कहा कि आदिवासी समाज भोला- भाला और उच्च विचार रखकर जीवन यापन करता है । इस समाज के मन में किसी प्रकार का छल- प्रपंच और आपसी द्वेष देखने को नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज जल- जंगल जमीन पशु-पक्षी से प्रेम करता है और हमेशा उनकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध दिखाई देता है । रामचंद्र गिरि ने कहा कि आइए हम सभी मिलकर करम पूजा का पर्व धूमधाम के साथ मनाएं और आपसी भाईचारा एवं सद्भाव पूर्ण वातावरण निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करें।